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प्रवासी मजदूर: घर पहुंचने की जद्दोजहद, खतरे में डाली जा रही हैं जिंदगियां

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कोरोना वायरस के चलते देशभर में चल रहे लॉकडाउन के बीच हजारों-लाखों प्रवासी मजदूर पैदल और ट्रकों की मदद से अपने घरों की ओर जाने के लिए पूरा प्रयास कर रहे हैं. उनका कहना है कि पैदल जाने से बचने के लिए अब यही एक सहारा है. इसी दौरान एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसमें पिता अपने छोटे बच्चे का एक हाथ पकड़कर ट्रक के ऊपर चढ़ाने की कोशिश कर रहा है. काफी डरावनी और दिल दहला देने वाली इस तस्वीर में साफ नजर आ सकता है कि कैसे प्रवासी मजदूर अपने परिवार को घर तक ले जाने के लिए जद्दोजहद में लगा हुआ है, जिसमें काफी खतरा है.

20 सेकेंड के इस वीडियो क्लिप में एक शख्स ट्रक पर चढ़कर एक रस्सी के सहारे अपने छोटे बच्चे को चढ़ाने की कोशिश में दिखा. यह तस्वीर काफी खतरनाक लगी क्योंकि बच्चे के साथ-साथ पिता को भी गिरने का डर है, लेकिन उसे किसी भी हाल में अपने घर जाना है तो ऐसा खतरा मोल लेने के लिए वह किसी भी हद तक जाने को तैयार है. वहीं सड़क पर खड़े इसी ट्रक पर एक महिला साड़ी पहनकर ट्रक पर चढ़ रही है, जबकि कुछ अन्य महिला भी उसके पीछे से ट्रक पर चढ़ने की कोशिश कर रही हैं.

तेलंगाना से अपना सफर शुरू करने वाले प्रवासियों के एक समूह का कहना है कि उन्हें घर तक पहुंचने के लिए कोई और रास्ता नहीं दिखा. उन्हीं में से एक बूढ़े शख्स ने कहा, ”क्या करें हम, हम लोग असहाय हैं. हमें झारखड़ जाना ही पड़ेगा. और कोई भी रास्ता नहीं है.”

केंद्र सरकार द्वारा प्रवासियों के लिए इसी महीने के शुरुआत में चलाए गए विशेष ट्रेन के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ”हमें कोई भी ऐसी जानकारी नहीं मिली जिससे हम यात्रा करने में मदद मिले.”ट्रक के करीब खड़े राज्य परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने प्रवासियों को देखते हुए कहा, “परिवहन का कोई साधन नहीं है. प्रशासन ने उनके लिए विशेष बसों की सुविधा प्रदान की है. मैं परिवहन विभाग से हूं लेकिन मेरे स्तर पर मैं बसों की व्यवस्था नहीं कर सकता.”

लॉकडाउन के कारण बेरोजगार हुए प्रवासियों ने मार्च से ही बड़े शहरों को छोड़ दिया ताकि वे अपने गांवों में वापस जा सकें. उनमें से कई सैकड़ों किलोमीटर पैदल चल चुके हैं. कुछ ऐसे भी हैं, जिन्होंने अपनी यात्रा पूरी करने से पहले ही जान गंवा बैठे.

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