प्रवासी मजदूरों के 15 युवाओं के एक ग्रुप ने लगभग महानगरी मुंबई से बिहार के दरभंगा जिले में स्थित अपने गांव तक की करीब 2 हजार किमी का यात्रा साइकिल से शुरू की है. इन मजदूरों का कहना है कि वे इस लंबी और मुश्किल यात्रा पर इसलिए जा रहे हैं क्योंकि लॉकडाउन के कारण फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए सरकार की विशेष ट्रेन में नहीं बैठ पाए. मुंबई के सांताक्रूज से लोग बुधवार तड़के 3 बजे साइकिल से अपने ‘मुश्किल मिशन’ पर रवाना हुए. निकले, इन्हें अपने गंतव्य तक पहुंचने में कई दिन लग जाएंगे. करीब 20 लोगों के एक ग्रुप भी नवी मुंबई के घनसोली से महाराष्ट्र के बुलडाना में अपने गांव तक पैदल जा रहा है. इस ग्रुप में में छोटे बच्चे और सात महीने की गर्भवती महिला शामिल है.
एनडीटीवी के हवाले से खबर आ रही है कि यह पूछे जाने पर कि वे विशेष ट्रेनों से क्यों नहीं जा रहे, इन युवाओं में से एक ने कहा, “वे लंबे समय से ऐसी बातें के बारे में केवल कह रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमें 14 तारीख के बाद घर भेज दिया जाएगा. अभी तक इस बारे में कुछ भी नहीं हुआ है, हमने इस बारे में कुछ नहीं सुना है. 45 दिन हो चुके हैं.”यात्रा के दौरान ये युवा कई राज्यों की सड़कों और हाईवे से होकर गुजरेंगे. उन्हें पूरी सावधानी बरतनी होगी, इस दौरान पुलिस का गुस्सा, भीषण गर्मी और भोजन की समस्या का भी इन्हें सामना करना पड़ सकता है. साइकिल के कैरियर में कुछ कपड़े और स्टील की प्लेटों के अलावा ये खाने के लिए ड्राय फूड भी लेकर जा रहे हैं.
20 से ज्यादा लोगों का एक जत्था नवी मुंबई के घनसोली से महाराष्ट्र के बुलडाना में अपने गांव तक पैदल जा रहा है. इस ग्रुप में में छोटे बच्चे और सात महीने की गर्भवती महिला शामिल हैं. पैदल यात्रा पर जा रहे इन सभी लोगों के पास काफी कम पैसे और भोजन है. गौरतलब है कि जब 24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की तो हजारों प्रवासी श्रमिक उन शहरों में फंस गए जहां वे मजदूरी या कोई अन्य काम करके जीवनयापन करते हैं.
कमाई एकदम से बंद होने या कम होने के कारण इनमें से कई लोगों ने घर छोड़ने का फैसला किया. कोई परिवहन सेवा उपलब्ध नहीं होने के कारण इनमें से कई तो सैकड़ों किमी तक चले. इनमें से ज्यादातर के पास पर्याप्त खाना या पानी भी नहीं था, यात्रा के दौरान इन लोगों में से कई के बच्चे भी साथ थे. पिछले शुक्रवार को सरकार ने दूसरे राज्यों में फंसे इन मजदूरों को विशेष ट्रेन के जरिये घर पहुंचाने का ऐलान किया था. इसके लिए विशेष ट्रेने भी चलाई गई हैं.
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