गुजरात आर्थिक क्षेत्र में लगातार प्रगति करता रहा है लेकिन शिक्षा के क्षेत्र में वह लगातार पिछड़ा नजर आया है. फिलहाल गुजरात 82.4% की दर के साथ देश में साक्षरता दर (Literacy Rate) के मामले में नौवें स्थान पर है.
आलम ये है कि गुजरात साक्षरता दर (Literacy Rate) के मामले में असम और हिमाचल जैसे राज्यों से पीछे है. आर्थिक दृष्टि से संपन्न माने जाने वाले गुजरात ने अपनी साक्षरता दर (Literacy Rate) में सुधार किया है लेकिन रैंकिंग के मामले में वह कई गरीब राज्यों से पीछे है. इसमें असम और हिमाचल प्रदेश जैसे गरीब राज्य भी शामिल हैं.
राष्ट्रीय सांख्यिकी सर्वेक्षण के 75वें दौर पर राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की रिपोर्ट में गुजरात साक्षरता रैंकिंग में 9वें स्थान पर है. 96.2% की दर के साथ केरल इस सूची में सबसे ऊपर है.
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यह सर्वेक्षण जुलाई 2017 से जून 2018 तक किया गया था और सात वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्तियों में साक्षरता दर की राज्यवार विस्तार को दर्शाया गया है.
देश की साक्षरता दर (Literacy Rate) 77.3% है और गुजरात का प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत से बेहतर है. 2011 की जनगणना के दौरान गुजरात की साक्षरता दर 78% थी. इसका मतलब है कि राज्य ने इस मामले में प्रगति की है.
सर्वेक्षण में पूरे भारत में 8,097 गांवों के 64,519 ग्रामीण घरों और 6,188 ब्लॉकों के 49,238 शहरी परिवारों का आंकलन किया गया था.
केरल सबसे आगे, आंध्र सबसे पीछे
सर्वेक्षण के अनुसार, केरल में साक्षरता दर (Literacy Rate) 96.2 प्रतिशत के साथ शीर्ष पर है जबकि आंध्र प्रदेश 66.4 प्रतिशत के साथ सबसे निचले पायदान पर है.
राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण के 75वें दौर के तहत जुलाई 2017 से जून 2018 के बीच ‘परिवारिक सामाजिक उपभोग: भारत में शिक्षा ‘ पर आधारित इस रिपोर्ट में सात साल या उससे अधिक आयु के लोगों के बीच साक्षरता दर की राज्यवार जानकारी दी गई है.
सर्वेक्षण के अनुसार केरल के बाद दिल्ली 88.7 प्रतिशत साक्षरता दर (Literacy Rate) के साथ दूसरे स्थान पर है. उत्तराखंड 87.6 प्रतिशत के साथ तीसरे, हिमाचल प्रदेश 86.6 फीसदी के साथ चौथे और असम 85.9 प्रतिशत के साथ पांचवें स्थान पर है.
दूसरी ओर राजस्थान 69.7 प्रतिशत साक्षरता दर के साथ सबसे पिछड़े राज्यों में दूसरे स्थान पर है. इसके ऊपर बिहार 70.9, तेलंगाना 72.8 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश 73 प्रतिशत और मध्य प्रदेश 73.7 प्रतिशत हैं.
देश की साक्षरता दर क्या है
सर्वेक्षण के अनुसार देश की साक्षरता दर 77.7 प्रतिशत है. देश के ग्रामीण इलाकों की साक्षरता दर जहां 73.5 प्रतिशत है, वहीं शहरी इलाकों में यह दर 87.7 प्रतिशत है.
राष्ट्रीय स्तर पर पुरुषों की साक्षरता दर 84.7 प्रतिशत जबकि महिलाओं की साक्षरता दर 70.3 प्रतिशत है. सर्वेक्षण में कहा गया है कि सभी राज्यों में पुरुषों की साक्षरता दर महिलाओं से अधिक है. केरल में पुरुषों की साक्षरता दर 97.4 प्रतिशत जबकि महिलाओं की साक्षरता दर 95.2 प्रतिशत है.
इसी प्रकार, दिल्ली में पुरुषों की साक्षरता दर 93.7 प्रतिशत जबकि महिलाओं की यह दर 82.4 प्रतिशत है.
साक्षरता दर के मामले में पिछड़े राज्यों में भी पुरुषों और महिलाओं की साक्षरता दर में अच्छा-खासा अंतर है. आंध्र प्रदेश में पुरुषों की साक्षरता दर 73.4 प्रतिशत है जबकि महिलाओं (सात साल या उससे अधिक आयु)की साक्षरता दर 59.5 प्रतिशत है. राजस्थान में पुरुषों की साक्षरता दर जहां 80. 8 प्रतिशत है, वहीं महिलाओं की साक्षरता दर 57.6 प्रतिशत है.
बिहार में भी पुरुषों की साक्षरता दर महिलाओं से अधिक है. बिहार में जहां 79.7 प्रतिशत पुरुष साक्षर हैं, वहीं 60 प्रतिशत महिलाएं पढ़ी-लिखी हैं. सर्वे के दौरान देशभर से 8,097 गांवों से 64,519 ग्रामीण परिवारों और 6,188 ब्लॉक से 49,238 शहरी परिवारों के सैंपल लिये गए थे. सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चार प्रतिशत ग्रामीण परिवारों और 23 प्रतिशत शहरी परिवारों के पास कंप्यूटर है.