गांधीनगर: LRD परीक्षा में आरक्षण देने के मामले को लेकर पिछले करीब 45 दिनों से उम्मीदवार राज्य सरकार के सामने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे है. वहीं ये उम्मीदवार आरोप भी लगा रहे हैं कि गुजरात की विजय रूपाणी सरकार अभी तक इस मामले पर ध्यान नहीं दे रही. ऐसे में अब कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे आरोप-प्रत्यारोप लगा रही. लेकिन इससे बिल्कुल हटकर बीजेपी के नेता अल्पेश ठाकोर ने अपने ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने इस मामले को लेकर आज कहा कि गुजरात का एससी, एसटी और अन्य पिछड़े वर्ग से जुड़े लोगों में का डर माहौल छाया हुआ है कि कहीं गुजरात में उनके संवैधानिक हक को तो नहीं खत्म कर दिया जाएगा. साथ ही साथ उन्होंने गुजरात सरकार के फैसले को संविधान विरोधी बताते हुए कहा कि सरकार को अपना फैसला वापस लेना चाहिए.
जहां एक तरफ गुजरात के उपमुख्यमंत्री इस मामले को लेकर कोर्ट की दुहाई दे रहे हैं कि फिलहाल मामला कोर्ट में चल रहा है इसलिए सरकार इस मामले को लेकर कोई फैसला नहीं ले सकती वहीं बीजेपी के ही नेता अल्पेश ठाकोर इसे जनरल कटेगरी के छात्रों को सीट आंवतिट करने के मामले को लेकर गुजरात सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकार अघोषित तरीके से 51 फीसद आरक्षण दे रही है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि एससी, एसटी और अन्य पिछड़े वर्ग के छात्रों को 49 फीसद रिजर्वेश की कटेगरी में रख उनके साथ भेदभाव करना बिल्कुल गलत है. उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर हमने गुजरात के सीएम से भी मुलाकात कर जल्द से जल्द इस मामले को लेकर फैसला लेने की अपील की है.
गौरतलब हो कि अल्पेश ठाकोर कांग्रेस से बगावत कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. जिसके बाद राधनपुर में एक बार फिर से उपचुनाव हुआ लेकिन राधनपुर की जनता ने दलबदलू नेता को स्वीकार नहीं किया. ऐसे में एक बार फिर बीजेपी नेता अल्पेश ठाकोर ऐसे लोगों की आवाज को उठाने की कोशिश कर रहे हैं जिनके दम पर वह पिछले दिनों अपनी सियासत चमकाने में कामयाब हुए थे. लेकिन सवाल ये उठता है कि अल्पेश बीजेपी की गाइड लाइन से उपर उठकर जिस तरीके से बयानबाजी कर रहे हैं और अपने ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे उसे लेकर पार्टी क्या कार्रवाई करती है.
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