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लोन मोरेटोरियम मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा- आपके हाथों में आम आदमी की दिवाली

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सुप्रीम कोर्ट ने लोन मोरेटोरियम (Loan Moratorium) मामले की सुनवाई 2 नवंबर तक के लिए टाल दी है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इस मामले (Loan Moratorium) में सरकार को जमकर फटकार लगाई. लोन पर मोहलत से चक्रवृद्धि ब्याज माफ करने के मामले (Loan Moratorium) में बुधवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की, सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि केंद्र सरकार के हाथ में आम आदमी की दीवाली है.

कोर्ट ने सरकार से कहा कि आम लोगों की दुर्दशा को आप समझिए और सही फैसले के साथ आइए. कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को कहा कि मिस्टर मेहता इस बार लोगों की दिवाली आपके हाथों में है इसलिए कोई उचित निर्णय लीजिए.

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कोर्ट रूम में चला जवाब-सवाल

इस मामले (Loan Moratorium) में सुनवाई के दौरान केंद्र और सुप्रीम कोर्ट की ओर जवाब सवाल का दौर देखने को मिला. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा, “जिन्होंने 2 करोड़ तक का ऋण लिया है इसे लागू करने के लिए औपचारिकताएं कब पूरी की जाएंगी?” इस पर केंद्र ने जवाब दिया, “राहत देने की बाहरी सीमा 15 नवंबर है. सरकार एक बड़ा बोझ उठा रही है, लेकिन हम इस आंकड़े का उल्लेख नहीं कर रहे हैं. सरकार द्वारा दी गई राहत जो भी लागू होगी, यह हो जाएगा.”

कोर्ट ने कहा कि आम लोग चिंतित हैं. हम 2 करोड़ तक के ऋण वाले लोगों से चिंतित हैं. केंद्र ने जवाब दिया कि यह 15 नवंबर तक केवल कुछ औपचारिकताओं द्वारा किया जाएगा. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार को एक महीने की जरूरत क्यों है? हम इस निर्णय के लिए सरकार की आवश्यकता के साथ सहमत नहीं हैं. जब आपने निर्णय ले लिया है कि एक महीने की देरी क्यों हो रही है?हमारे विचार में निर्णय को लागू करने के लिए एक महीने की आवश्यकता नहीं है और यह सरकार की ओर से उचित नहीं है.”

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