नई दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक, 2022 पर लोकसभा को संबोधित किया. संसद में बहस के दौरान शाह के एक बयान पर सदन के सदस्य हंसने लगे. अमित शाह ने कहा कि मैं कभी किसी से नाराज नहीं होता, मेरी आवाज तेज है. यह मेरा मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट है. शाह के इस बयान से लोकसभा के सदस्य हंसने लगे.
दंड प्रक्रिया (पहचान) विधेयक 2022 को पेश करने के दौरान टीएमसी सांसद सौगत राय ने अमित शाह से कहा कि कृपया आप धीरे बोला करिए. आप जब दादा कहते हैं, तो लगता है कि डांटकर बोल रहे हैं. इसपर शाह और सदन के बाकी सदस्य हंसने लगे. इसके जवाब में अमित शाह ने कहा, ‘नहीं… नहीं, मैं कभी किसी को डांटता नहीं. मेरी आवाज जरा ऊंची है. मेरी मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट है.
उन्होंने कहा कि बिल अपराध साबित करने के लिए सबूत मुहैया कराएगा. इस बिल को लाने में पहले ही बहुत देर हो चुकी है. 1980 में, विधि आयोग ने अपनी रिपोर्ट में, डिटेंशन आइडेंटिटी एक्ट, 1920 पर पुनर्विचार के लिए भारत सरकार को एक प्रस्ताव भेजा था. यह बिल दुनिया भर के आपराधिक कानून में सजा के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कई प्रावधानों के अध्ययन का अनुसरण करता है.
आपराधिक प्रक्रिया(पहचान) विधेयक2022 को लेकर सदन में विपक्ष पर हमला बोलते हुए गृह मंत्री ने आगे कहा कि मानवाधिकारों का हवाला देने वालों को भी रेप पीड़ितों के मानवाधिकारों के बारे में सोचना चाहिए. वे (विपक्ष) केवल बलात्कारियों, लुटेरों की चिंता करते हैं, लेकिन केंद्र कानून का पालन करने वाले नागरिकों के मानवाधिकारों की चिंता करता है.
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