गुजरात में चल रहे कोरोना कोहराम के बीच इस बार निकलने वाली भगवान जगन्नाथ की 143 वीं रथयात्रा बिल्कुल सादगी से निकाली जाएगी. यात्रा पहली बार सिर्फ और सिर्फ 6 से 7 घंटे में पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच पूरी की जाएगी. इस साल निकलने वाली रथयात्रा पर अंतिम निर्णय बुधवार को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में लिया जाएगा. लेकिन उससे पहले अहमदाबाद पुलिस ने तैयारियां शुरू कर दी है.
25 से 35 वर्ष के युवा नाविक ही रथ को खींच पाएंगे
भगवान जगन्नाथ की 143 वीं रथयात्रा इस साल 12-13 घंटों के बजाय केवल 6 से 7 घंटे में पूरा करने की योजना बनाई गई है. नाविक संघ के अनुसार रथयात्रा दोपहर 2 बजे तक मंदिर लौट आएगा. रथ को 15 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाया जाएगा. इस साल निकलने वाली रथयात्रा में रथ को केवल 25 से 35 वर्ष के बीच के युवाओं को खींचने की अनुमति दी गई है.
रथयात्रा के दौरान लोगों की भीड़ इकट्ठा होने से रोकने के लिए एक सार्वजनिक कर्फ्यू लगाए जाने की संभावना है. रथयात्रा में सिर्फ मंदिर के महंत, ट्रस्टी और रथ को खींचने वाले नाविकों सहित केवल 200 लोग शामिल हो सकते हैं. इसके अलावा रथयात्रा में हिस्सा लेने वाले तमाम लोगों की जानकारी पुलिस को पहले से ही दी जाएगी.
मेडिकल चेकअप के बाद नाविक ले पाएंगें हिस्सा
इस रथयात्रा में रथ खींचने वाले नाविकों का 22 तारीख को स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा. स्वास्थ्य परीक्षण के बाद ही रथयात्रा में लोगों को हिस्सा लेने का मौका दिया जाएगा.
आपको बता दें कि हर साल 22 किमी लंबी रथयात्रा की गति लगभग 7 किमी प्रति घंटा होता है. लेकिन इस वर्ष रथ की गति कम से कम 10 से 15 किमी प्रति घंटा कम श्रद्धालुओं की वजह से रथयात्रा जल्दी पूरा करने का प्लान बनाया गया है. मिल रही जानकारी के अनुसार रथयात्रा की शुरूआत सुबह 7 बजे मंदिर से शुरू होगी और दोपहर 2 बजे के करीब मंदिर में वापस आ जाएगी.
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