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जींद महापंचायत में 5 प्रस्तावों पर बनी सहमति, राकेश टिकैत का मंच टूटा

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नए कृषि कानूनों के विरोध में हरियाणा के जींद जिले के कंडेला गांव में चल रही किसानों की महापंचायत (Mahapanchayat) में पांच मांगों पर सहमति बन गई है. महापंचायत में हिस्सा लेने पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कृषि कानूनों को किसान विरोधी बताते हुए लोगों से एकजुट होकर इनका विरोध करने की अपील की.

महापंचायत में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने, एमएसपी पर कानून बनाने और किसानों के खिलाफ दर्ज केस वापस लेने सहित पांच प्रस्तावों पर सर्वसम्मति बनी. Mahapanchayat

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देश में दो महीने से जारी कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन अब भी जारी है. बुधवार को इसी आंदोलन के समर्थन में हरियाणा के जींद में महापंचायत हुई. भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत ने इस महापंचायत में हिस्सा लिया और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. Mahapanchayat

जींद की इस महापंचायत में कई प्रस्ताव भी पास किए गए हैं. इसमें तीनों कृषि कानूनों की वापसी की मांग की गई है, साथ ही किसानों पर जो केस किए गए हैं उन्हें वापस लेने की मांग की गई है. जींद की महापंचायत में कुल पांच प्रस्ताव पास किए गए हैं. साथ ही 26 जनवरी को जिन नेताओं को गिरफ्तार किया गया है, उन्हें रिहा कर दिया जाए. Mahapanchayat

 

इस दौरान राकेश टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर पर लगी हुईं किलों पर नाराजगी जताते हुए कहा,

‘कीलें उखाड़ ली जाएंगी और चौपाल में रखी जाएंगी. ये कीलें आने वाली पुस्तों को दिखाई जाएंगी कि कैसे किसान लड़ाई जीता था.’ Mahapanchayat

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जब जब राजा डरता है तब-तब किलेबंदी करता है. उन्होंने कहा कि कीलें तो लाल किले पर भी गाडी गईं थीं. हम दिखा देंगे आने वाले 400 सालों तक ये आंदोलन याद रखा जाएगा. हम ये कीलें अपने खेतों में नहीं लगाते हैं, मेरा शरीर इन कीलों पर लेटेगा. उन्होंने सरकार को ललकारते हुए कहा कि यदि इस देश के युवा ने अगर गद्दी बदलने पर आ गया तो सरकार के लिए बुरा हो जाएगा.

टिकैता का टूटा मंच

उधर केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन (Farmer Protest) का समर्थन करने के लिए जींद में आयोजित ‘महापंचायत’ (Mahapanchayat) के दौरान वह मंच टूट गया, जिस पर भारतीय किसान यूनियन (BKU) प्रमुख राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) और अन्य किसान नेता बैठे हुए थे.

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