भारत-चीन के बीच जारी तनाव के बीच भारत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. इस फैसले के तहत भारत चीन का आर्थिक कमर तोड़कर जवाब देने का मंसूबा बना रहा है. इस फैसले को अमलीजामा सबसे पहले बीएसएनएल ने पहनाया. उसके बाद सरकार ने चीन को आर्थिक रूप से कमजोर करने के लिए भारतीय रेलवे के उपक्रम डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कारपोरेशन लिमिटेड ने चीनी फर्म बीजिंग नेशनल रेलवे रिसर्च एंड डिज़ाइन इंस्टीट्यूट ऑफ सिग्नल एंड कम्युनिकेशन कंपनी लिमिटेड के साथ चल रहे करार को रद्द कर दिया है. इससे चीनी रंपनी को बड़ा नुकसान हुआ है. लेकिन इस बीच जानकारी मिल रही है कि महाराष्ट्र सरकार ने भी चीन की तीन बड़ी कंपनियों को बड़ा झटका दिया है.
महाराष्ट्र सरकार के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि राज्य में चीनी कंपनियों के 5000 करोड़ रुपए के निवेश पर रोक लगा दी है. ये फैसला केंद्र सरकार से बातचीत के बाद लिया गया है. सीमा पर हुए खूनी झड़प के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा है कि चीनी कंपनियों के साथ फिलहाल किसी प्रकार का एग्रीमेंट ना किया जाए.
जिन चीनी कंपनियों के प्रोजेक्ट पर रोक लगाई है उनमें इलेक्ट्रिक व्हीकल की बड़ी फैक्ट्री भी है. 3500 हजार करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट में चीनी कंपनी 1000 करोड़ का निवेश करने वाली थी. इसके बाद हेंगली इंजीनियरिंग का नाम आता है. इसमें भी 250 करोड़ के निवेश का करार हुआ था.फिर नाम आता है ग्रेट वॉल मोटर्स ऑटोमोबाइल का 3770 करोड़ रुपये का निवेश होना था.
गौरतलब हो कि चीन के इस कायराना हरकत के खिलाफ जहां पूरे देश में चीनी उत्पादों का बहिष्कार किया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ इससे पहले बीएसएनएल और रेलवे ने भी चीन को बड़ा झटका दे चुके हैं. ऐसे में महाराष्ट्र सरकार चीन का आर्थिक कमर तोड़ने के लिए चीन की तीन बड़ी कंपनियों को बड़ा झटका दिया है.
https://archivehindi.gujaratexclsive.in/manmohan-singh-warns-pm-modi-do-not-give-opportunity-to-china-with-statements/