Gujarat Exclusive > राजनीति > महाराष्ट्र अपडेट: मंगलवार सुबह 10.30 बजे सुनाया जा सकता है फैसला, फ्लोर टेस्ट को लेकर मिला वक्त

महाराष्ट्र अपडेट: मंगलवार सुबह 10.30 बजे सुनाया जा सकता है फैसला, फ्लोर टेस्ट को लेकर मिला वक्त

0
343

पिछले एक महीने से महाराष्ट्र में चल रहा सियासी ड्रामा अभी खत्म नहीं हुआ है. आज हर किसी की नज़र सुप्रीम कोर्ट पर है, जहां अदालत राज्य के सियासी भविष्य पर फैसला सुनाएगा. शनिवार सुबह जिस तरह देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार ने शपथ ली उसी के खिलाफ विपक्ष ने याचिका दायर की थी. विपक्ष ने राज्यपाल के कामकाज के तौर तरीका पर भी सवाल खड़ा किया था.

कल आ सकता है कोर्ट का फैसला

फिलहाल इस मामले को लेकर सुप्रिम कोर्ट आज कोई भी फैसला सुनाने से इंकार कर दिया है और मामले की अगली सुनवाई मंगलवार 10.30 बजे होने का ऐलान कर आज की कार्रवाई पूरी कर दी है.

हमें पता है क्या आदेश देना है

कोर्ट में अब बहस का फोकस शिफ्ट हो रहा है. अदालत में अब फ्लोर टेस्ट के समय पर बहस हो रही है. इस दौरान तुषार मेहता ने कहा कि महाविकास अघाड़ी ने सूची में गड़बड़ी की है. इसपर सिंघवी ने कहा कि फ्लोर टेस्ट से पता चलेगा कि आप औंधे मुंह गिरेंगे, आप हारेंगे.इस दौरान अदालत ने पूछा कि आप क्या मांग रख रहे हैं. सिंघवी ने कहा कि हम फ्लोर टेस्ट की मांग कर रहे हैं. इसपर जस्टिस रमना ने कहा कि हमें पता है कि क्या आदेश देना है. मुकुल रोहतगी ने कहा कि विधानसभा की कुछ परंपरा हैं, जिनका पालन होना चाहिए. पहले प्रोटेम स्पीकर, सदस्यों का शपथग्रहण, स्पीकर का चुनाव, राज्यपाल का अभिभाषण और फिर फ्लोर टेस्ट.

NCP की ओर से सिंघवी की दलील

अब एनसीपी की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी दलील रख रहे हैं. सिंघवी ने कहा कि अगर दोनों पक्ष फ्लोर टेस्ट को तैयार हैं तो देरी क्यों हो रही है. उन्होंने कहा कि अगर कुछ छिपाया जा रहा है तो फर्जीवाड़ा हुआ है. अजित पवार की चिट्ठी पूरी तरह से फर्जी है. अभिषेक मनु सिंघवी की तरफ से चिट्ठी को फ्रॉड बताने पर मुकुल रोहतगी भड़के और उन्होंने कड़ी आपत्ति जताई. इस दौरान अभिषेक मनु सिंघवी ने 48 एनसीपी, 56 शिवसेना और 44 कांग्रेस विधायकों का समर्थन पत्र सौंपने की बात कही. इस पर मुकुल रोहतगी ने आपत्ति जताई, इस पर अदालत ने कहा कि अगर आप ये दाखिल करेंगे तो मुझे उनसे जवाब लेना होगा. जिसके बाद अभिषेक मनु सिंघवी ने चिट्ठी वापस ले ली.अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी है कि कोर्ट को तुरंत फ्लोर टेस्ट का आदेश देना चाहिए, पहले प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति होनी चाहिए.