विशाल मिस्त्री, राजपिपणा: भाजपा सांसद मनसुख वसावा ने प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल को पत्र लिखकर अपना इस्तीफा भेज दिया है.
जानकारी सामने आने के बाद उनके समर्थक वसावा के राजपिपणा स्थित आवास पर भारी संख्या में जमा हो गए. वह यह मानने को तैयार नहीं हैं कि वसावा ने इस्तीफा दे दिया है.
इस्तीफा देने के बाद मनसुख वसावा गायब हो गए हैं. नर्मदा जिले के भाजपा कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी चिंतित हो गए हैं. Mansukh Vasava resigns
इस्तीफा देने के बाद वसावा हुए गायब
मनसुख वसावा के आवास पर मौजूद नर्मदा जिला के भाजपा उपाध्यक्ष अनिरुद्धसिंह गोहिल ने कहा कि वसावा ने नर्मदा में 121 गाँवों को इको सेंसिटिव ज़ोन में शामिल करने का गुजरात सरकार के फैसले का विरोध किया था.
मनसुख भाई ने इस मामले को लेकर राज्य के साथ ही साथ ही साथ केंद्र सरकार से शिकायत की थी. शायद इसी मामले को लेकर उन्होंने इस्तीफा दे दिया है. Mansukh Vasava resigns
राज्य सरकार को मनसुख वसावा को साथ में रखकर इस मुद्दे का हल निकालना होगा. 121 गाँव के लोग इको-सेंसिटिव ज़ोन से प्रभावित होंगे. राज्य सरकार के इस फैसले से किसानों की जमीन सरकार के नाम पर हो जाएगी.
किसान अपनी ज़मीन पर बिना अनुमति के कुँआ भी नहीं बनवा सकते हैं.
सरकार को इको-सेंसिटिव जोन में शामिल गांवों को निकालना होगा Mansukh Vasava resigns
अनिरुद्धसिंह गोहिल ने आगे कहा कि मनसुख भाई एक संवेदनशील व्यक्ति हैं, हो सकता है कि उन्होंने इको-सेंसिटिव ज़ोन के मुद्दे पर सरकार से शिकायत की थी.
लेकिन राज्य सरकार की ओर से उचित जवाब नहीं दिया गया था शायद इसीलिए उन्होंने इस तरीके का कदम उठाया है. Mansukh Vasava resigns
पार्टी को भी मालूम है कि वसावा के इस्तीफे से पार्टी को व्यापक नुकसान हो सकता है इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि इसका कोई सुखद परिणाम आएगा.
इस सिलसिले में नर्मदा जिले के भाजपा उपाध्यक्ष प्रकाश व्यास ने कहा कि सरकार को इको सेंसिटिव जोन के मुद्दे को समझना होगा या उनकी बात सुननी होगी.
वसावा का इस्तीफा सरकार स्वीकार नहीं कर सकती, उनका राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा दबदबा है. Mansukh Vasava resigns
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