जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी के एक बयान को लेकर एक बार फिर देश में बवाल मच गया है. मौलाना मदनी ने तमाम गैर मुस्लिमों से कहा है कि वे अपनी बेटियों को सह-शिक्षा देने से परहेज करें. इसके पीछे मौलाना मदनी ने तर्क दिया कि इससे लड़कियों को छेड़खानी जैसी परेशानियों से बचाया जा सकेगा. जमीयत की ओर से जारी एक अधिकारिक बयान में कहा गया है कि मौलाना ने यह बयान संगठन की कार्यसमिति की बैठक में दिया.
जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कार्यसमिति बैठक में हिस्सा लेते हुए देश के कई अन्य मुद्दों पर भी अपनी राय रखी. उन्होंने मोब लिंचिंग को एक सोची-समझी साजिश करार दिया. मौलान मदनी ने इस दौरान लड़कियों के लिए अलग स्कूलों की भी वकालत करते हुए नजर आए. गैर मुस्लिम भी सह-शिक्षा से परहेज करें उनके इस बयान पर भाजपा नेताओं ने पलटवार किया है.
मौलाना मदनी के बयान पर भाजपा नेताओं का पलटवार
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलान मदनी के बयान पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी ने पलटवार करते हुए कहा कि देश संविधान से चलता है, शरियत से नहीं. जो शरियत का डंडा चलाकर संविधान की मूल भावना पर हमला करने की कोशिश करते हैं वे सफल नहीं होंगे. ऐसी मानसिकता देश कभी स्वीकार नहीं करेगा.
वहीं इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश के मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि ये वही लोग हैं जो महिलाओं को 3 तलाक की बेड़ी में रखना चाहते हैं. इनके बयान से साफ़ है कि ऐसी विचारधारा के लोग हैं और इनको पिछली सरकारों में संरक्षण मिला है. हम ऐसे लोगों को समर्थन और संरक्षण नहीं देंगे.
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