कृषि कानून के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. कुछ जगहों पर किसानों का विरोध उग्र हो गया है. Mayawati Agricultural Law
पंजाब से निकलने वाले किसानों का हरियाणा के अंबाला में पुलिस के साथ झड़प होने के बाद किसानों ने पुलिस बैरिकेड उठाकर नदी में फेंक दिया.
वहीं किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया. किसान इन तमाम परेशानियों का सामने करने के बाद दिल्ली पहुंचने में कामयाब हुए.
मायावती ने भी केंद्र को दी सलाह Mayawati Agricultural Law
इस बीच प्रियंका गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बाद उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है.
बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमों मायावती ने कहा कि कृषि कानून आम सहमति के बिना बनाए गए हैं. इसलिए इन कानूनों पर केंद्र की मोदी सरकार को एक बार फिर से विचार करना चाहिए.
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केन्द्र सरकार द्वारा कृषि से सम्बन्धित हाल में लागू किए गए तीन कानूनों को लेकर अपनी असहमति जताते हुए पूरे देश में किसान काफी आक्रोशित व आन्दोलित भी हैं। इसके मद्देनजर, किसानों की आम सहमति के बिना बनाए गए, इन कानूनों पर केन्द्र सरकार अगर पुनर्विचार कर ले तो बेहतर।
— Mayawati (@Mayawati) November 29, 2020
ट्वीट कर मायावती ने लिखा आम समहति के बिना बनाए गए कृषि कानून Mayawati Agricultural Law
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ट्वीट कर लिखा “केन्द्र सरकार द्वारा कृषि से सम्बन्धित हाल में लागू किए गए तीन कानूनों को लेकर अपनी असहमति जताते हुए पूरे देश में किसान काफी आक्रोशित व आन्दोलित भी हैं. Mayawati Agricultural Law
इसके मद्देनजर, किसानों की आम सहमति के बिना बनाए गए, इन कानूनों पर केन्द्र सरकार अगर पुनर्विचार कर ले तो बेहतर.”
कृषि विधेयकों को लेकर आंदोलनरत पंजाब के किसानों ने दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर डटे रहने का फैसला किया है. Mayawati Agricultural Law
आगे की रणनीति के लिए दिल्ली-हरियाणा सिंघू बॉर्डर पर किसानों की बैठक हुई जिसके बाद यह फैसला लिया गया कि किसान यहीं से अपना आंदोलन जारी रखेंगे.
दिल्ली बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन पंजाब के जनरल सेक्रेट्री हरिंदर सिंह ने कहा है, “हमने फैसला किया है कि हम दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर से कहीं नहीं जाएंगे और अपना विरोध प्रदर्शन यहीं करेंगे.”
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