- जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को मिली रिहाई
- रिहा होने के बाद मुफ्ती ने कहा जम्मू-कश्मीर का हक वापस दिलाने के लिए जारी रहेगा जद्दोजहद
- धारा 370 को हटाना गैर कानूनी और गैर लोकतांत्रिक
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को रिहा कर दिया गया है.
रिहाई के बाद महबूबा मुफ्ती ने पहला ट्वीट कर एक बार फिर जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाने के मामले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला किया.
महबूबा में ट्वीट कर एक तीर से दो निशाना साधने की कोशिश की. जिस वीडियो को उन्होंने ट्वीट किया उसकी स्क्रीन काली थी.
ट्वीट कर बोला हमला
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर लिखा ” मैं अवैध तरीके से डिटेंशन से चौदह महीनों के लंबे अरसे के बाद रिहा हुई हूं. जिसके बाद एक छोटा सा मैसेज जारी किया है.”
इस दौरान उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर करीब 1 मिनट 23 सेकेंड का एक ऑडियो संदेश जारी किया जिसमें वह कह रही हैं.
“मैं आज एक साल से भी ज्यादा अर्से के बाद रिहा हुई हूं. इस दौरान 5 अगस्त 2019 के उस काले दिन का काला फैसला हर पल मेरे दिल और रूह पर हर पल वार करता रहा.
मुझे एहसास है कि यही कैफियत जम्मू-कश्मीर के तमाम लोगों की रही होगी. हम में से कोई भी शख्स उस दिन की बेइज्जती को कतई भूल नहीं सकता.”
After being released from fourteen long months of illegal detention, a small message for my people. pic.twitter.com/gIfrf82Thw
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 13, 2020
महबूबा मुफ्ती आगे कहती हैं “जो दिल्ली दरबार 5 अगस्ता को गैर कानूनी, गैर लोकतांत्रिक और गैर कानूनी तरीके से हमसे छीन लिया, उसे वापस लेना होगा.
बल्कि उसके साथ-साथ मस्ले कश्मीर को हल करने के लिए हजारों लोगों ने अपनी जान को न्योछावर कर दिया उस जद्दोजहद को हमें जारी रखनी होगी. मैं मानती हूं कि यह रास्ता आसान नहीं है.
लेकिन मुझे यकीन है कि हौसले से यह दुश्वार रास्ता भी तय होगा. आज जब मुझे रिहा किया गया है, मैं चाहती हूं कि जम्मू-कश्मीर के जितने भी लोग देश की जेलों में बंद हैं, उन्हें भी जल्द से जल्द रिहा किया जाए.”
बेटी ने दायर की थी याचिका
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की रिहाई की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की थी.
महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने जन सुरक्षा अधिनियम के तहत अपनी मां को बंदी बनाए जाने के खिलाफ दायर याचिका में संशोधन के लिए सर्वोच्च न्यायालय से आग्रह किया था.
इसपर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए जम्मू-कश्मीर प्रशासन से जवाब मांगा था. पूछा कि पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत अधिकतम कितनी हिरासत हो सकती है?
महबूबा को कितने समय तक हिरासत में रखा जाएगा?
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