जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का फैसला 5 अगस्त 2019 को किया था. संसद को इस फैसले की जानकारी देने से पहले ही सरकार ने जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत दूसरे राजनेताओं और अलगावादी नेताओं को हिरासत में ले लिया था. तीनों बड़े नेताओं में से पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला को रिहा कर दिया गया है. जबकि महबूबा मुफ्ती अब भी नजरबंद हैं.
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को रिहा करने का मंगलवार को स्वागत किया. जन सुरक्षा कानून के तहत इल्तिजा की मां महबूबा मुफ्ती अब भी हिरासत में हैं. उन्होंने अपनी मां के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया कि वे भले ही नारी शक्ति और महिला उद्धार की बात करते हों लेकिन ऐसा लगता है कि केंद्र को सबसे ज्यादा डर भी महिलाओं से ही लगता है. उनका इशारा अपनी मां की ओर था जो अब भी हिरासत में हैं.
जम्मू-कश्मीर में माकपा के वरिष्ठ नेता एम.वाई. तारीगामी ने भी उमर अब्दुल्ला की रिहाई का स्वागत किया. उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश में 4जी मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल करने और कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सभी संसाधन मुहैया करवाने की भी मांग की.
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