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कोरोना के कारण देश में बढ़ी गरीबी, 2020 में 3.2 करोड़ लोग मिडिल क्लास से नीचे आए

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Middle Class कोरोना महामारी ने दुनिया के अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी है. साथ ही आम लोगों पर भी इसका दुषप्रभाव पड़ा है. भारत में भी लोगों की आय पर कोरोना ने कहर बरपाया है. कोरोना महामारी ने 2020 में भारत में 3.2 करोड़ लोगों को मध्यम वर्ग की श्रेणी से भी नीचे धकेल दिया. Middle Class

यह खुलासा अमेरिका के प्यू रिसर्च सेंटर की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में हुआ है. Middle Class

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आंकड़ों के मुताबिक, कोरोनो वायरस महामारी द्वारा लाए गए वित्तीय संकट ने पिछले साल लगभग 3.2 करोड़ भारतीयों को मिडिल क्लास से बाहर कर दिया है. कोरोना के चलते लगाए गए लॉकडाउन से भारत में आर्थिक गतिविधियां थम गई. इससे भारत 40 साल में सबसे बड़ी आर्थिक मंदी में डूब गया क्योंकि महामारी ने बड़े पैमाने पर नौकरियां छिनी जबकि चीन इसे रोकने में सक्षम था. बता दें कि रोजाना 10 से 20 डॉलर तक की कमाई करने वालों को मिडल क्लास में गिना जाता है. Middle Class

दुनिया में 2.5 अरब मिडल क्लास के लोग

अध्ययन के मुताबिक पिछले साल दुनिया में मिडल क्लास की आबादी 9 करोड़ गिरकर करीब 2.5 अरब रह गई. महामारी से पहले भारत में मध्यम आय वर्ग में आने वाले लोगों की संख्या 9.9 करोड़ थी, लेकिन महामारी के बाद यह संख्या एक तिहाई की कमी के साथ 6.6 करोड़ पर पर आ गई है. ऐसे में अब भारत में मध्यम वर्ग श्रेणी से बाहर निकले लोगों के सामने आर्थिक परेशानी खड़ी हो गई है. Middle Class

6.2 लोग उच्च आय वर्ग से बाहर

अध्ययन के अनुसार कोरोना महामारी के कारण देश में उच्च आय की श्रेणी के 6.2 करोड़ लोग मध्यम वर्ग की श्रेणी में आ गये हैं. उच्च आय की श्रेणी में ऐसे लोग आते हैं जिनकी प्रतिदिन की आय 50 डॉलर यानी करीब 3,630 रुपये होती है.

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत में साल 2011 से 2019 के बीच करीब 5.70 करोड़ लोग मध्यम वर्ग की श्रेणी में शामिल हुए थे. यह एक बड़ी संख्या थी. प्यू रिसर्च सेंटर का अनुमान है कि प्रतिदिन दो डॉलर यानी करीब 150 या उससे कम कमाने वाले गरीब लोगों की संख्या बढ़कर 7.5 करोड़ हो गई है. कोरोना वायरस के कारण आयी मंदी ने देश के विकास को सालों पीछे धकेल दिया है.

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