पूरे देश में कोरोना वायरस का आतंक व्याप्त है. ऐसे में लॉकडाउन की परिस्थिति के कारण सूरत शहर के कई उद्योग-व्यवसाय बंद हो चुके हैं. जिसमें कार्य करनेवाले हजारों श्रमिक रोजी-रोटी के लिए आधारहीन हो चुके हैं. सूरत से कई श्रमिक परिवार ट्रेनों और बसों के माध्यम से अपने गांव उड़ीसा, युपी, बिहार, मध्यप्रदेश, झारखंड आदि राज्यों में लौट गए हैं. इसी बीच खबर आई है कि सूरत से उड़ीसा लौटे कुछ श्रमिकों में कोरोना पॉजिटीव आई है.
बता दें सूरत में आजीविका के लिए आए मजदूरों को कोरोना के कारण अब अपने घर लौटना पड़ा है. जिन्हें सूरत से कुल 17 ट्रेनों और 300 से अधिक बसों के माध्यम से उनके गांव उड़ीसा पहुंचाया गया. ट्रेनों में सवार होने से पहले उनका कोरोना जांच के नाम पर सिर्फ स्क्रीनिंग किया गया था. किसी भी मजदूर को कोरोना है या नहीं इसकी गहनता से जांच नहीं कराई गई थी. अकेले गंजाम जिले में कोरोना पॉजिटीव केस की संख्या 89 दर्ज की गई है.
बता दें कि अभी सूरत से रोज 3 ट्रेनें उड़ीसा जाती हैं. अभी तक कुल 17 ट्रेनें और 300 से अधिक बसें उड़ीसा जा चुकी हैं. जिस तरीके से धीरे-धीरे प्रवासी मजदूर शहरों से गांव पहुंच रहे हैं. उसे देखकर ऐसा लगता है कि जल्द ही ग्रामीण इलाकों में भी कोरोना दस्तक दे देगा. क्योंकि राज्यों से आने वाले प्रवासी मजदूरों की स्टेशन पर सिर्फ शिकायत से छुटकारा के लिए स्क्रीनिंग की जाती है.
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