राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय रखे जाने के कैबिनेट प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है.
सोमवार रात जारी अधिसूचना के मुताबिक, पिछले महीने मोदी कैबिनेट की मंजूरी के बाद नई शिक्षा नीति लागू करने के दौरान
ये भी फैसला लिया गया था कि एचआरडी मंत्रालय का नाम शिक्षा मंत्रालय कर दिया जाए.
राष्ट्रपति ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है जिसके बाद अब मानव संसाधन विकास मंत्रालय को
शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाएगा.
राष्ट्रपति ने लगाई मुहर
बीते महीने होने वाली मोदी कैबिनेट बैठक में नई शिक्षा नीति के साथ ही साथ मंत्रालय के नाम को बदलने का फैसला लिया गया था.
माना जा रहा है कि देश में अगले साल नई शिक्षा नीति को लागू कर दिया जाएगा. दिवंतग प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल के दौरान 1985 में शिक्षा मंत्रालय का नाम बदलकर एचआरडी मंत्रालय कर दिया गया था.
इस मंत्रालय के पहले मंत्री के रूप में पीवी नरसिंह राव ने कार्यभाल संभाला था.
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मोदी कैबिनेट का बड़ा फैसला
गौरतलब है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय यानी एचआरडी ने बीते दिनों एक प्रस्ताव रखा था
कि मंत्रालय मौजूदा नाम बदलकर इसका नाम शिक्षा मंत्रालय कर दिया जाए.
मंत्रालय के इस प्रस्ताव पर कैबिनेट बैठक में मुहर लगा दी गई. इतना ही नहीं इस बैठक देश नई शिक्षा नीति को भी मंजूर कर लिया गया है.
उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए एक ही रेगुलेटरी बॉडी होगी ताकि पैदा होने वाली
अव्यवस्था को आसानी से खत्म किया जा सके.
वहीं दूसरी तरफ 34 सालों बाद देश में नई शिक्षा नीति पर भी मोदी कैबिनेट ने मुहर लगा दी है.
इस सिलसिले में जानकारी देते हुए केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री
रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा था कि नई शिक्षा नीति हायर एजुकेशन से संबंधित कई बातों का समाधान करेगी.
जिससे देश के युवाओं को उच्च शिक्षा हासिल करने में पहले के मुकाबले काफी आसानी होगी.
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