राजस्थान में सियासी हंगामा के एक महीने बाद सियासी संकट खत्म होने की कगार पर है. कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात के बाद जहां एक तरफ सचिन पायलट दिल्ली से जयपुर वापस लौट आए हैं.
वहीं दूसरी तरफ जैसलमेर के सुर्यागढ़ होटल में रुके कांग्रेसी विधायकों की भी जयपुर वापसी हो रही है.
ऐसे में जानकारी मिल रही है कि पायलट खेमे की कांग्रेस में वापसी के बाद गहलोत खेमे के विधायक नाराज हो गए हैं.
विधायकों की नाराजगी स्वाभाविक गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री भी मान चुके हैं कि चुनी सरकार को गिराने की साजिश रचने वाले बागियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से विधायक नाराज है.
अशोक गहलोत ने कहा कि विधायकों की नाराजगी स्वाभाविक है.
उन्होंने कहा कि मैंने विधायकों को समझाया है कि कभी-कभी राष्ट्र, राज्य और लोगों की सेवा करने के लिए और लोकतंत्र को बचाने के लिए हमें सहनशील होने की आवश्यकता होती है.
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मिलकर फिर से लोगों की जाएगी सेवा
अशोक गहलोत ने कहा कि हमारे सभी विधायक इतने लंबे समय तक साथ रहे. ये राजस्थान के लोगों की जीत है. उन्होंने कहा कि हमारे जो भी साथी हमसे दूर चले गए थे, वे वापस आ गये हैं.
अब तमाम विवादों को दूर कर राजस्थान के लोगों की सेवा साथ में मिलकर की जाएगी.
मुलाकात के बाद पायलट ने दिया था आश्वासन
गौरतलब है कि कांग्रेस से बगावत के एक महीने बाद सचिन पायलट ने आखिरकार कल रात दिल्ली में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाक़ात किया.
मुलाकात में उन्होंने जिक्र किया कि उनकी नाराजगी मुख्यमंत्री गहलोत है पार्टी से नहीं. बैठक के बाद सहमति का फॉर्मूला निकला और तीन सदस्यों की टीम मामले की सुनवाई करने के लिए बनाई गई है.
बैठक में सचिन ने राज्य सरकार को किसी भी प्रकार का खतरा नहीं होने का भी आश्वासन दिया.
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