Gujarat Exclusive > कृषि कानूनों की वापसी पर विपक्ष हुआ हमलावर, कहा- चुनाव में हार के डर से लिया फैसला

कृषि कानूनों की वापसी पर विपक्ष हुआ हमलावर, कहा- चुनाव में हार के डर से लिया फैसला

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नई दिल्ली: मोदी सरकार द्वारा लागू तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी था. कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसान बीते कई माह से प्रदर्शन कर रहे हैं. लंबी लड़ाई के बाद आज किसानों को जीत मिल गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राष्ट्र को संबोधित करते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया. पीएम मोदी के इस ऐलान के बाद विपक्ष हमलावर हो गया और फैसले को चुनावी नतीजों से जोड़कर देख रहा है.

शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि आज सरकार को तीनों कृषि क़ानून वापस लेने पड़े हैं, राजनीति की वजह से यह वापस लिए गए हैं लेकिन मैं इसका स्वागत करता हूं. पंजाब और उत्तर प्रदेश के चुनाव में हार के डर की वजह से यह क़ानून वापस लिए हैं. सरकार के ऊपर दबाव था आखिर में किसानों की जीत हुई.

कृषि क़ानून रद्द होने पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार को उन तमाम किसान परिवारों से माफी मांगनी चाहिए जिन्होंने इस आंदोलन की वजह से अपनी जान गंवाई. भाजपा के यही लोग थे जिन्होंने किसानों को आतंकवादी बताया था. सरकार का किसानों के साथ एक साल तक ऐसा व्यवहार करना गलत था.

वहीं इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि हमारी पार्टी की केंद्र सरकार से मांग है कि किसान आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मृत्यु हुई है, केंद्र सरकार उन्हें उचित आर्थिक मदद दे और उनके परिवार में से एक सदस्य को सरकारी नौकरी ज़रूर दें. केंद्र सरकार ने कृषि क़ानूनों को देर से रद्द करने की घोषणा की है. यह फ़ैसला बहुत पहले ले लिया जाना चाहिए था. इसके लिए सभी किसानों को हार्दिक बधाई. यदि केंद्र सरकार यह फ़ैसला काफी पहले ले लेती तो देश अनेक प्रकार के झगड़ों से बच जाता.

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