खबरों के मुताबिक शुक्रवार को मोदी सरकार की कैबिनेट बैठक ने कई बड़े फैसले लिए हैं. इसमें यस बैंक के रिस्ट्रक्चरिंग प्लान को मंजूरी मिलने के साथ ही कोरोना वायरस के चलते अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान के बारे में भी चर्चा हुई. दूसरी ओर, केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए सरकार ने चार फीसदी महंगाई भत्ता भी बढ़ाने को मंजूरी दे दी. महंगाई भत्ता देश के सरकारी कर्मचारियों के रहन-सहन का स्तर बेहतर बनाने के लिए दिया जाता है.
मालूम हो कि साल में दो बार सरकार केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी करती है. अमूमन जनवरी और जून में यह इजाफा किया जाता है. केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों को बड़ी राहत देते हुए मोदी कैबिनेट ने चार फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ा दिया है. केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने पिछले सप्ताह ही राज्यसभा में लिखित जवाब में बताया था कि मार्च की सैलरी के साथ ही केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों को महंगाई भत्ता मिलने लगेगा. इससे दिसंबर में ही अनुमान लगाया गया था कि मोदी सरकार महंगाई भत्ते में 4 फीसदी की वृदि्ध कर सकती है.
महंगाई भत्ता बढ़ने के बाद कर्मचारियों की सैलरी में 720 रुपये से 10 हजार रुपये तक बढ़ोतरी होगी. फिलहाल केंद्रीय कर्मचारियों को 17 फीसदी महंगाई भत्ता मिल रहा है. मोदी सरकार इसमें चार प्रतिशत की बढ़ोतरी करती है तो यह 21 फीसदी हो जाएगा. पूरी दुनिया में सिर्फ भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश ही ऐसे देश हैं, जिनके सरकारी कर्मचारियों को ये भत्ता दिया जाता है. 1972 में मुंबई के कपड़ा उद्योग में सबसे पहले महंगाई भत्ते की शुरुआत हुई थी.