दिल्ली में उदय माहूरकर और चिरायु पंडित की पुस्तक ‘‘वीर सावरकर हु कुड हैव प्रीवेंटेड पार्टिशन’’ के विमोचन कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हिस्सा लिया. इस मौके पर संघ प्रमुख ने कहा कि आजादी के बाद से ही देश में सावरकर को बलनाम करने की मुहिम चलाई गई. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि वीर सावरकर के बारे में लोगों में जानकारी का अभाव है.
संघ प्रमुख ने आगे कहा कि सावरकर जी का हिन्दुत्व, विवेकानंद का हिन्दुत्व ऐसा बोलने का फैशन हो गया, हिन्दुत्व एक ही है, वो पहले से है और आखिर तक वो ही रहेगा. सावरकर जी ने परिस्थिति को देखकर इसका उद्घोष जोर से करना जरूरी समझा. इतने वर्षों के बाद अब हम जब परिस्थिति को देखते हैं तो ध्यान में आता है कि जोर से बोलने की आवश्यकता तब थी, सब बोलते तो शायद विभाजन नहीं होता.
वीर सावरकर पर पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख ने कहा कि जो भारत का है, उसकी सुरक्षा, प्रतिष्ठा भारत के ही साथ जुड़ी है. विभाजन के बाद भारत से स्थलांतर करके पाकिस्तान में गए मुसलमानों की प्रतिष्ठा पाकिस्तान में भी नहीं है. जो भारत का है, वो भारत का ही है.
वीर सावरकर पर पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि वीर सावरकर जी महान स्वतंत्रता सेनानी थे इसमें कहीं दोमत नहीं हैं. किसी भी विचारधारा के चश्मे से देखकर राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को अनदेखा करना, अपमानित करना ऐसा काम है जिसे कभी माफ नहीं किया जा सकता.
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