Morva Hadaf Byelection: गुजरात के पंचमहल जिले के मोरवा हडफ विधानसभा सीट सुर्खियों में है. यहां आगामी 17 अप्रैल को उपचुनाव होने हैं लेकिन चुनाव होने से पहले ही यहां जातिगत विवाद की स्थिति पैदा हो गई है. Morva Hadaf Byelection
कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश कटारा ने चुनाव आयोग में भाजपा प्रत्याशी निमिषा सुथार के खिलाफ अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार के रूप में जाली प्रमाण पत्र जमा कराने को लेकर शिकायत दर्ज कराई है. उन्होंने आरोप लगाया है कि सुथार अनुसूचित जनजाति से नहीं हैं. मालूम हो कि मोरवा हडफ सीट अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है. Morva Hadaf Byelection
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पहले भी हुआ है विवाद
2012 में कांग्रेस उम्मीदवार सविता खांट ने इस सीट से जीत दर्ज की थी, लेकिन 2013 में उनके निधन के बाद उपचुनाव हुआ. तब भाजपा की निमिषा सुथार ने उपचुनाव जीता था. 2017 के विधानसभा चुनाव में मोरवा हडफ सीट निर्दलीय उम्मीदवार भूपेंद्र सिंह खांट ने जीती थी. Morva Hadaf Byelection
हालांकि निर्दलीय विधायक भूपेंद्रसिंह खांट को अवैध जाति प्रमाण पत्र देने के लिए मई 2019 में अयोग्य घोषित कर दिया गया था. इसके बाद से यह सीट खाली है जिस पर चुनाव होने वाले हैं.
भूपेंद्र सिंह ने इस मामले को गुजरात उच्च न्यायालय में चुनौती दी लेकिन वह मुकदमा हार गए. बाद में इसी साल जनवरी में उनका निधन हो गया था. Morva Hadaf Byelection
वर्तमान उम्मीदवारों की स्थिति
43 वर्षीय कांग्रेस प्रत्याशी कटारा ने उच्चतर माध्यमिक स्तर तक की पढ़ाई की है और 10 साल तक सागवाड़ा गांव के सरपंच के रूप में कार्य किया है. इससे पहले उनकी पत्नी ने तालुका पंचायत चुनाव जीता था और वर्तमान में वह जिला पंचायत सदस्य हैं. उनके पिता भी तीन बार तालुका पंचायत के सदस्य रहे हैं. कटारा स्थानीय लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं. Morva Hadaf Byelection
उधर बीजेपी ने 21 संभावित उम्मीदवारों में से चार नामों को अंतिम रूप दिया और अंत में निमिषा सुथार के नाम पर मुहर लगाई थी. वह 2013 में उपचुनाव के बाद भाजपा की विधायक बनी थीं. वर्तमान में वह भाजपा की जिला उपाध्यक्ष हैं.