मध्य प्रदेश में चल रही सियासी घमासान के बीच शुक्रवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक बड़ा ऐलान किया है. सीएम कमलनाथ ने ऐलान किया है कि वह इस्तीफा देने जा रहे हैं. भापोला में शुक्रवार एक प्रेस कांफ्रेंस में ऐलान किया कि वह आज एक बजे गवर्नर से मिलने जा रहे हैं और उन्हें अपना इस्तीफा सौंपेंगे. इससे पहले उन्होंने विधायक दल की बैठक में हिस्सा लिया और समझा जा रहा है कि इस दौरान ही उन्होंने अपने फैसले से सबको अवगत करा दिया था.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने फ्लोर टेस्ट से पहले अपना इस्तीफा देने की बात कहकर सबको चौंका दिया है. उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस कर बीजेपी पर विधायकों की खरीद फरोख्त का आरोप लगाया. कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी ने कांग्रेस के विधायकों को बंधक बनाकर रखा. उनसे जबरन इस्तीफे ले लिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कई बार बहुमत साबित किया है लेकिन अगर उनके विधायकों को ही बंधक बनाकर बहुमत साबित करने के लिए कहा जाएगा तो ऐसा संभव नहीं है.
उन्होंने कहा कि 11 दिसंबर 2018 को परिणाम आया था जहां कांग्रेस को सबसे अधिक सीटें मिली. 17 दिसंबर को मुख्यमंत्री की शपथ ली. 25 दिसंबर को मंत्रिमडल की शपथ ली. 15 महीनों में मेरा प्रयास रहा कि प्रदेश की तस्वीर बदलें. राजनीतिक जीवन में हमेशा राज्य की हरसंभव मदद की. जनता ने हमें पांच साल का मौका दिया था. सीएम कमलनाथ ने आगे कहा कि मध्य प्रदेश की तुलना छोटे राज्यों से नहीं होती. बीजेपी तो 15 साल मिले थे मुझे 15 महीने मिले. इनमें ढाई महीने लोकसभा चुनाव और आचार संहिता में चले गए. बीजेपी नेता कहते थे कि यह 15 दिन की सरकार है, पहले दिन से बीजेपी ने षड़यंत्र शुरू किया. 22 विधायकों को बंधक बनाने का काम किया. करोड़ों रुपये खर्च कर प्रलोभन का खेल खेला गया. लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की जिसकी सच्चाई जल्द सामने आएगी. विधानसभा में तीन पर बहुमत साबित किया. बीजेपी से यह बर्दाश्त नहीं हुआ. ये विश्वासघात मध्यप्रदेश की जनता के साथ हुआ है. जनता इन्हें कभी माफ नहीं करेगी.
दोपहर 2 बजे से फ्लोर टेस्ट की थी तैयारी
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मध्य प्रदेश विधानसभा में फ्लोर टेस्ट को लेकर तैयारी शुरू हो गई है. देर रात विधानसभा सत्र बुलाने के लिए नोटिफिकेशन और कार्यसूची जारी कर दी गई. विधानसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे शुरू की जाएगी. शाम 5 बजे फ्लोर टेस्ट कराया जाएगा. देर रात पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी विधानसभा स्पीकर को चिट्ठी लिखी थी. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को आदेश दिया था कि 20 मार्च को शाम 5 बजे मध्य प्रदेश में फ्लोर टेस्ट कराया जाए. इसके साथ की मुख्यमंत्री कमलनाथ के सभी उम्मीदें खत्म होती दिखाई दी.