जाने-माने शायर मुनव्वर राणा (Munawwar Rana) की बेटी सुमैया राणा ने राजनीति की दुनिया में कदम रख दिया है. मंगलवार को उन्होंने समाजवादी पार्टी की सदस्यता हासिल की. सुमैया राणा (Munawwar Rana) लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ मोर्चा खोलने को लेकर सुर्खियों में आई थीं. माना जा रहा है कि सुमैया के राजनीति में आने से समाजवादी पार्टी की महिला विंग और मजबूत होगा. 2022 के विधानसभा चुनाव में उनके सक्रिय रहने से पार्टी को फायदा भी मिलेगा.
मंगलवार को उन्होंने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मौजूदगी में समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. सुमैया (Munawwar Rana) के अलावा बीजेपी से निष्कासित दो नेता भी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में सपा में शामिल हुए. अखिलेश ने सभी का स्वागत किया.
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गोंडा के मसूद आलम खान, पूर्व सांसद प्रत्याशी रमेश गौतम, पूर्व विधायक समेत गोण्डा जिले के कई नेता और उनके समर्थकों ने भी पार्टी की सदस्यता ली. मसूद आलम और रमेश गौतम को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते बीएसपी से निकाल दिया गया था.
सीएए के विरोध में किया था प्रदर्शन
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) विरोधी आंदोलन के दौरान लखनऊ के घंटाघर में सुमैया राणा (Munawwar Rana) ने जोरदार प्रदर्शन किया था. राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ वह लगातार मुखर आंदोलन करती रहीं. उनके खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कर कार्रवाई भी की थी और उन्हें जेल भी भेजा गया था. उनकी (Munawwar Rana) कई संपत्तियां भी कुर्क कर ली गई थीं. पिछले नवंबर में उन्हें घर में नजरबंद कर दिया गया था.
भाजपा पर बरसे अखिलेश
पार्टी की सदस्याता दिलाने के दौरान अखिलेश ने कहा कि हमारी सरकार बनने पर एनआरसी पर दर्ज मुकदमे वापस होंगे. उन्होंने कहा कि भाजपा ने अर्थव्यवस्था को खराब कर दिया है. सरकार किसानों को धोखा दे रही है. हाथरस मामले पर सरकार झूठी साबित हुई है. भाजपा सपा के कार्यों पर ही काम कर रही है. उत्तर प्रदेश सरकार का अपना विजन नहीं है तभी गोरखपुर में मेट्रो नहीं बन पा रही. बाकी जगह सपा के विजन पर मेट्रो बन रही.