अहमदाबाद: पहली बार गुजरात विश्वविद्यालय से एक मुस्लिम छात्रा ने पुराणों पर शोध के साथ संस्कृत में पीएचडी करने का अनोखा कारनामा किया है. Muslim student Sanskrit Ph.D.
अमरेली जिले के लीलिया तहसील की इंगोरला गांव की रहने वाली सलमा कुरैशी ने संस्कृत में पीएचडी करने वाली पहली मुस्लिम महिला बन गई है. Muslim student Sanskrit Ph.D.
हाल ही में गुजरात विश्वविद्यालय ने सलमा को पीएचडी का प्रमाणपत्र जारी किया है. सलमा ने संस्कृत में “पुराणेषु निरुपिता शिक्षापाद: एक अध्ययन” शीर्षक के तहत एक थीसिस तैयार की है.
पहली बार किसी महिला ने संस्कृत भाषा में किया पीएचडी Muslim student Sanskrit Ph.D.
इस सिलसिले में विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर और मार्गदर्शक अतुल उनगर ने कहा कि संस्कृत विभाग 1964 से गुजरात विश्वविद्यालय में चल रहा है.
जिसमें आज तक किसी भी मुस्लिम को पीएचडी के लिए प्रवेश नहीं मिला. गुजरात के सौराष्ट्र विश्वविद्यालय की एकमात्र मुस्लिम महिला ने संस्कृत में पीएचडी की है.
जहां एक ओर प्राचीन भाषा संस्कृत का महत्व घट रहा है. वहीं दूसरी ओर एक मुस्लिम छात्रा ने संस्कृत भाषा से पीएचडी डिग्री ली यह गर्व की बात है. Muslim student Sanskrit Ph.D.
पढ़ाई के दौरान सलमा की बढ़ी थी संस्कृत में दिलचस्पी Muslim student Sanskrit Ph.D.
इस सिलसिले में जानकारी देते हुए सलमा कहती हैं कि 10 वीं कक्षा के बाद वह 11 कक्षा में आर्ट्स विषय के साथ प्रवेश लिया. उसी दौरान मेरी संस्कृत में रुचि बढ़ने लगी.
12 वीं कक्षा में संस्कृत विषय के साथ बोर्ड परीक्षा पास होने में कामयाब हुई. जिसके बाद वह सौराष्ट्र विश्वविद्यालय से संस्कृत में बीए और भावनगर विश्वविद्यालय से संस्कृत विषय के साथ एमए पास किया.
सलमा कुरैशी के अनुसार, संस्कृत एक पौराणिक भाषा है और भाषा और धर्म कभी एक नहीं किया जाना चाहिए. मुझे शास्त्र सीखने में दिलचस्पी थी.
इसलिए मैंने पुराणों पर पीएचडी करने का फैसला किया और मैंने जो करने का सपना देखा उसे पूरा भी किया. Muslim student Sanskrit Ph.D.
सलमा के पिता केशुभाई कुरैशी गाँव में खेती का काम करते हैं. सलमा को संस्कृत-हिंदू पुराणों में पीएचडी करने में उनके परिवार का पूरा सहयोग मिला है. Muslim student Sanskrit Ph.D.
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