नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लागू नए कृषि कानूनों के विरोध में रविवार को मुजफ्फरनगर में किसानों की महापंचायत होनी है. सरकार से लेकर स्थानीय जिला प्रशासन भी इस महापंचायत पर नजर बनाए हुए हैं. जिला प्रशासन ने महापंचायत को लेकर सीएससी की 8 कंपनियों के अलावा एक हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया है.
जिस स्थान पर महापंचायत होने वाली है उसके अलावा अन्य इलाकों में भी सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है. पुलिस अधिकारी अभिषेक यादव ने इस सिलसिले में जानकारी देते हुए बताया कि मुजफ्फरनगर के अलावा सहारनपुर, मेरठ, गाजियाबाद, शामली और बागपत जिलों के करीब 1000 पुलिसकर्मियों को 5 सितंबर को हाईवे और लिंक रोड पर तैनात किया जाएगा. इतना ही नहीं सुरक्षा कारणों से मुजफ्फरनगर की तमाम चौराहे पर सीसीटीवी लगाए जाएंगे.
भारतीय किसान संघ और केंद्र के नए कृषि कानून का विरोध करने वाले कुछ संगठनों द्वारा समर्थित, मुजफ्फरनगर के राजकीय इंटर कॉलेज मैदान में महापंचायत आयोजित की जाएगी. आयोजकों ने दावा किया है कि महापंचायत में किसानों का अब तक का सबसे बड़ा जमावड़ा होगा, इस महापंचायत में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार सुनिश्चित करने के लिए पश्चिम बंगाल मॉडल को पुनर्जीवित करने की रणनीति तैयार की जाएगी.
भारतीय किसान संघ के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार तीनों कृषि कानूनों को लेकर हमारी शिकायतों को सुनने के लिए तैयार नहीं. इस कानून को कुछ चुनिंदा लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाया गया है. मुजफ्फरनगर से भाजपा को उखाड़ फेंकने के लिए किसान अभियान शुरू करने वाले हैं.
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