नई दिल्ली: नागालैंड फायरिंग को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज लोकसभा में बयान दिया. अमित शाह ने कहा कि सेना ने संदिग्धों की आशंका में फायरिंग की थी. इस मौके पर उन्होंने कहा कि भारत सरकार नागालैंड की घटना पर खेद प्रकट करती है. शाह ने आगे जानकारी देते हुए कहा कि 21 पैरा कमांडो को सूचना मिली थी कि मोन जिले के तिरु इलाके में संदिग्ध विद्रोहियों की आवाजाही हो सकती है.
सदन को जानकारी देते हुए अमित शाह ने आगे कहा कि शनिवार शाम को जब एक वाहन वहां पहुंचा, तो सेना ने उसे रुकने का इशारा किया गया लेकिन उसने रुकने के बजाय भागने की कोशिश की. ऐसे में सेना ने संदिग्ध होने की आशंका में फायरिंग की जिसमें 6 लोग मारे गए. शाह ने कहा कि ये निर्णय लिया गया है कि सभी एजेंसियों को ये सुनिश्चित करना चाहिए कि विद्रोहियों के खिलाफ अभियान चलाते समय भविष्य में ऐसी किसी घटना की पुनरावृत्ति न हो. सरकार स्थिति पर सूक्ष्मता से नज़र रख रही है.
गृह मंत्री अमित शाह ने आगे कहा कि मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए इस मामले को राज्य अपराध पुलिस स्टेशन को जांच के लिए सौंप दिया गया है. इस संदर्भ में एक विशेष जांच टीम(SIT) का गठन किया गया है जिसे एक महीने के अंदर जांच पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं.
लोकसभा में बोलते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अभी स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है. पुलिस महानिदेशक नागालैंड और आयुक्त नागालैंड ने 5 दिसंबर को घटनास्थल का दौरा किया था. घटना की प्राथमिकी दर्ज़ की गई है.
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