उत्तर प्रदेश पुलिस ने ‘नागरिक सत्याग्रह पदयात्रा’ पर निकले कुछ युवाओं को गिरफ्तार कर लिया है. यह गिरफ्तारी राज्य के गाजीपुर जिले में हुई. यह पदयात्रा चौरी-चौरा से शुरू हुई थी और इसे दिल्ली के राजघाट में खत्म होना था. इन पदयात्रियों के मुताबिक यह यात्रा चौरी-चौरा से इसलिए शुरू की गई क्योंकि ‘यह वो जगह थी जहां 1922 में यानी लगभग सौ साल पहले अंग्रेजों के खिलाफ हुई हिंसा के कारण गांधी ने असहयोग आंदोलन वापस ले लिया था. उस दिन ऐसे आज़ाद हिंदुस्तान की तासीर तय हो गई थी जहां हिंसा के लिए कोई जगह नहीं थी, फिर चाहे वो हमारा शोषक, हमारा दुश्मन ही क्यों न हो.
करीब छह-सात लोगों के इस जत्थे की अकेली महिला सदस्य प्रदीपिका सारस्वत ने गिरफ्तार होने से पहले बताया कि बीते तीन-चार दिनों से पुलिस उनके आसपास मंडरा रही थी. उनसे यात्रा को लेकर सवाल-जवाब भी किए जा रहे थे. प्रदीपिका पेशे से एक लेखक और पत्रकार हैं और उनके लेख देश के विभिन्न समाचार माध्यमों में छपते रहते हैं. उन्होंने गिरफ्तार होने से पहले अपने फेसबुक पेज पर भी लिखा है कि ‘कल शाम से लोकल इंटेलीजेंस और पुलिस यात्रियों के चक्कर काट रही है, तस्वीरें खींच रही है, वीडियो उतार रही है. स्टेट इतना डरा हुआ कि चंद लोगों को शांति और सौहार्द की बात करते हुए नहीं देख पा रहा है.’
इस मामले के बारे में जब गाजीपुर (सदर) के एसडीएम से पूछने पर उन्होंने कहा कि इन सभी लोगों ने पदयात्रा के लिए कोई अनुमति नहीं ली थी. सिर्फ छह लोगों की पदयात्रा से प्रशासन को क्या समस्या है, इस पर उनका कहना था कि फिलहाल तो गिरफ्तारी की जा रही है और मामले में जांच करके आगे की कार्रवाई की जाएगी.