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नमस्ते ट्रंप : आखिर किस कीमत पर अमेरिकी राष्ट्रपति को मोदी सरकार ने भारत दौरे के लिए मनाया, जानिए

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जब वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री पीयूष गोयल ने दुनिया के सबसे धनी इंसान और एमेजन के मालिक जेफ बेजोस की आलोचना की थी तब उससे कांग्रेस पार्टी खुश नहीं थी. कांग्रेस की नाराजगी थी कि पीयूष गोयल देश में व्यवसाय के माहौल को खराब कर रहे हैं लेकिन कुछ लोगों को पता है कि आखिर वह किसके इशारे पर किया गया था और इससे किसको फायदा होगा. उस बयान का असर ठीक एक महीने बाद अब देखने को मिल रहा है.

पिछले महीने जब बेजोस भारत दौरे पर आए थे तब उन्होंने घोषणा की थी कि एमेजन भारतीय बाजार में एक बिलियन डॉलर से ज्यादा निवेश करेगा जिससे ज्यादा से ज्यादा नौकरी के मौके भी बनेंगे. बेजोस ने यह घोषणा उस समय की थी जब उन्हें पता था कि उनकी कंपनी भारत में ऑनलाइन व्यापार में बड़े नुकसान से गुजर रही है.

दरअसल पीयूष गोयल ने कहा था कि जेफ बेजोस की कंपनी एमेजन इंवेस्टमेंट के रूप में देश को कोई फायदा नहीं पहुंचा रहे हैं. साथ ही उन्होंने यह कह कर और मामले को तूल दे दिया था कि जब तक कोई खराब व्यापार नहीं होता तब तक किसी कंपनी को इतना बड़ा नुकसान कैसे हो सकता है.

कांग्रेस हैरान थी कि क्यों कोई वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री इस तरह का बयान दे रहा है और उसको लगता है कि उन्हें इसके बदले बेजोस का स्वागत करना चाहिए था. हालांकि उस घटना के ठीक एक महीने बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे की खबर ने गोयल के बयान से उठे संशय को पीछे छोड़ दिया है.

गुजरात एक्सक्लूसिव को मिली खबर के मुताबिक, ट्रंप के प्रबंधन ने जनवरी के पहले ही सप्ताह में इसका इशारा किया था कि POTUS (अमेरिकी राष्ट्रपति) फरवरी के अंतिम सप्ताह में भारत का दौरा कर सकते हैं. लेकिन तब तक यह निर्णय अघोषित था और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्रंप की मेजबानी करने के लिए बेकरार थे.

अमेरिका में ट्रंप और बेजोस के बीच बैर की खबरें किसी से छुपी नहीं हैं. बेजोस की मिलकियत वाली वशिंग्टन पोस्ट हमेशा ट्रंप की नीतियों का आलोचक रहा है. वहीं ट्रंप खुलकर वशिंग्टन पोस्ट की रिपोर्ट्स की आलोचना करते रहे हैं.

हालांकि इन सबके बीच ट्रंप और बेजोस के बीच व्यापारिक टक्कर भी देखने को मिलती रही है. ट्रंप के प्रबंधन ने रक्षा विभाग के ज्वाइंट इंटरप्राइजेज डिफेंस इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट (जेईडीआई) का काम माइक्रोसॉफ्ट को सौंपा था. यह प्रोजेक्ट 10 बिलियन डॉलर का थी और बेजोस ने इस सौदे को गलत बताया था. उसको उन्होंने लेकर कानूनी लड़ाई भी शुरू कर दी है.

ऐसे में बेजोस की आलोचना करके भारत सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति को संकेत दिया कि मौजूदा सरकार उनके साथ है और यह भी संकेत दिया है कि वे उन्हें खुश करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. इसे समझना ट्रंप के लिए स्पष्ट था. उस बयान ने वास्तव में ट्रंप की भारत यात्रा के लिए मदद करने का काम किया क्योंकि ट्रंप के इस यात्रा से भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी बहुत दूरगामी परिणाम मिल सकते हैं.

अब कांग्रेस को स्पष्ट रूप से यह जवाब और संदर्भ मिल गया है कि आखिर क्यों वरिष्ठ भारतीय कैबिनेट मंत्री गोयल ने बेजोस की आलोचना का जोखिम उठाया था. दरअसल दुनिया के सबसे अमीर आदमी की आलोचना करके भारत ने दुनिया के सबसे शक्तिशाली आदमी के साथ दोस्ती की है.

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