नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा वापस ले लिया है और अपनी ही सरकार से तीखे सवाल किए हैं. सिद्धू ने चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली अपनी ही पार्टी कांग्रेस की 90 दिन की सरकार द्वारा किए गए कार्यों पर सवाल उठाया है. पंजाब में दो प्रमुख मुद्दा गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और ड्रग्स मामले को लेकर कहा कि चन्नी सरकार ने 50 दिनों में क्या किया?
नवजोत सिंह सिद्धू ने इसी साल 28 सितंबर को पंजाब के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन अब उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है. इस मौके पर सिद्धू ने अपनी ही सरकार और नवनियुक्त सीएम चरणजीत सिंह चन्नी पर तंज कसते हुए कहा कि इस सरकार को मुख्यमंत्री बदलने के बाद पिछले 50 दिनों में उच्च न्यायालय में नशीली दवाओं के मामलों पर एसटीएफ की रिपोर्ट खोलनी चाहिए. गुरु ग्रंथ साहिब के अपमान मामलों में न्याय दिलाने के लिए क्या किया गया है?
एसटीएफ रिपोर्ट को सार्वजनिक करने में कथित देरी पर सवाल उठाते हुए सिद्धू ने कहा, ‘जब मुख्यमंत्री को बदला गया तो यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा था. 44-50 दिन बीत गए, तुम्हें किसने रोका?’ उन्होंने आगे कहा, “वर्तमान सरकार ने अत्याचार मामले में न्याय दिलाने और एसटीएफ की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने में क्या दिलचस्पी दिखाई है?” अगर आप में एसटीएफ की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की हिम्मत नहीं है तो मुझे या पार्टी को दे दो मैं करूंगा.
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू यहीं पर नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि यहां तक कि आलाकमान को भी इस पर कोई आपत्ति नहीं है. वह पंजाब के लिए एआईसीसी के एजेंडे का हिस्सा था. सिद्धू ने कहा कि डीजीपी का मुद्दा एक महीने पहले सुलझा लिया जाना चाहिए था. लेकिन अभी तक इसका समाधान नहीं हुआ है. यह 90 दिन की सरकार है और 50 दिन बीत चुके हैं. क्या चल रहा है? उन्होंने कहा, “मैंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है और यह व्यक्तिगत अहंकार नहीं है, बल्कि यह पार्टी कार्यकर्ता के सम्मान का सवाल है.”
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