महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार को मनाने की कोशिशें जारी हैं. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल सोमवार सुबह अजित पवार से मुलाकात करने पहुंचे. हालांकि, यह मुलाकात बेनतीजा रही और अजित पवार नहीं माने. ऐसे में आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद जहां एक बार फिर से पवार को मनाने की कोशिश की जा रही है वहीं इस बार ये जिम्मेदारी सुप्रिया सुले को दी गई है. लेकिन इस बीच अजित पवार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के घर वर्षा मुलाकात करने पहुंचे हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद किस तरीके से फ्लोर टेस्ट में कामयाबी हासिल की जाए उसको लेकर रणनिती बनाई जाएगी.
इससे पहले भी कई बार मनाने की कोशिश
इससे पहले एनसीपी नेता दिलीप वालसे पाटील, सुनील तटकरे और हसन मुश्रीफ ने अजित से मुलाकात की थी. इस मुलाकात से पहले एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील ने अजित पवार से वापस लौटने की अपील की थी.
अजित पवार क्यों बने मजबूरी
दरअसल अजित पवार एक लम्बे वक्त से पार्टी में अपनी अलग छवि रख रहे थे और बूथ स्तर पर उनकी पकड़ काफी अच्छी मानी जाती है. इसलिए एनसीपी के नेता पवार को मनाने की दिल तोड़ कोशिश कर रहे हैं. पार्टी ये भी चाह रही है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले को लेकर जो भी फैसला सुनाए उससे पहले अजित पवार को मना लिया जाए
समझाने के बाद पवार पर दबाव
जब से एनसीपी नेता अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद का शपथ लिया तभी तमाम विरोधियों के निशाने पर हैं. ऐसे में जहां एनसीपी से जुड़े लोग उन्हे मनाने की कोशिश कर रहे हैं वहीं अब उनके ऊपर दबाव भी डाला जा रहा है कि वह जल्द से जल्द अपने पद से इस्तीफा देकर घर वापसी करें.