भरूच: कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देशभर में लागू तालाबंदी के बीच सबसे ज्यादा दिहाड़ी मजदूर और किसान परेशान हैं. कोरोना महामारी की वजह से 3 मई तक देशव्यापी तालाबंदी की घोषणा के बाद अब दिहाड़ी और प्रवासी मजदूरों की हालात दिन प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही है. ऐसे में गुजरात के भरूच जिला में मौजूद हांसोट में हजारों की संख्या में मजदूर सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. मजदूर तबके के लोग सरकार से खाने के लिए राशन की मांग कर रहे हैं.
तालाबंदी की वजह से नहीं मिल रहा खाना
कोरोना महामारी के कारण जारी लॉकडाउन में भूख सबसे बड़ी समस्या बनकर सामने आई है. भरुच के हांसोट में रहने वाले मजदूरों को तालाबंदी के कारण खाने के लिए राशन नहीं मिलने और काम धंधा बंद होने की वजह से परेशान मजदूर महिलाओं सहित बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरकर रोड ब्लॉक कर आंदोलन शुरू किया है.
न राशन बचा न पैसा भरूच में रास्ते पर उतरे प्रवासी मजदूर, राशन की कर रहे हैं मांग @vijayrupanibjp @ahmedpatel @CollectorBharch #Covid19India #lockdownextension pic.twitter.com/FV7d9VszkK
— Gujarat Exclusive Hindi (@HindiGujaratEx) April 24, 2020
लॉकडाउन की वजह से देश में आर्थिक गतिविधियों पर ब्रेक लगा दिया है. मजदूर वर्ग और गरीबों पर तालाबंदी का असर सबसे ज्यादा दिखाई दे रहा है. इस बीच सरकार दावा कर रही है कि सरकारी राशन की दुकानों पर पर्याप्त मात्रा में अनाज मौजूद हैं. बावजूद इसके लोगों को राशन नहीं मिल रहा है. जिसके कारण लोगों को सड़कों पर उतरना पड़ा है. अचानक होने वाली तालाबंदी के बाद देश के करोड़ो दिहाड़ी मजदूर बेरोजगार हो गए हैं. कुछ राज्यों में मजदूरों को अकाल का भी सामना करना पड़ रहा है. स्वैच्छिक संगठन भूखों की मदद कर रहे हैं. लेकिन शायद मदद करने वालों से गरीबों की संख्या ज्यादा है.
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