प्रवर्तन निदेशालय (ED) नीरव मोदी और मेहुल चोकसी से संबंधित फर्मों के 2,300 किलोग्राम से अधिक पॉलिश्ड डायमंड, पर्ल हॉन्ग कॉन्ग से लेकर भारत आया है. अधिकारियों के मुताबिक, इनकी कीमत 1,350 करोड़ रुपये है. प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने बताया कि इन कीमती चीजों में पॉलिश्ड डायमंड, पर्ल और सिल्वर ज्वैलरी शामिल है, जिन्हें हॉन्ग कॉन्ग में एक लॉजिस्टिक्स कंपनी के गोदाम में रखा गया था.
हीरे जवाहरात की ये खेप ईडी के पूर्व निदेशक करनैल सिंह के समय में ही पकड़ी गई थी और तब से इनको लाने के लिए लगातार प्रयास जारी थे. मुंबई पर लैंड किए 108 कंसाइमेंट्स में से 32 उन विदेशी इकाइयों के हैं, जिन्हें नीरव मोदी द्वारा नियंत्रित किया जाता है. इसके अलावा बाकी बचे मेहुल चौकसी की कंपनियों के हैं.
ईडी अधिकारियों के मुताबिक बैंक घोटाले के आरोपियों नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने घोटाले से संबंधित काफी रकम विभिन्न विदेशी देशों को भेज दी थी. बुधवार को भारत वापस लाए गए हीरे जवाहरात आदि 108 खेपो के जरिए विदेशों में भेजा गया था जिससे किसी को यह शक भी ना हो सके कि घोटाले की रकम को हीरे जवाहरातओं की शक्ल में बदलकर विदेश भेजा जा रहा है. भारत वापस लाए गए सामान में पॉलिश किए गए हीरे मोती और चांदी के गहने आदि शामिल हैं. इन गहनों का कुल वजन 2340 किलोग्राम बताया गया है.
इन जवाहरातों को 2018 की शुरुआत में पहले भारत से दुबई और फिर दुबई से हांगकांग भेजा गया था. प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों को जुलाई 2018 में इन कीमती सामानों के बारे में खुफिया जानकारी मिली थी और उसके बाद तत्कालीन निदेशक करनैल सिंह ने हांगकांग प्रशासन समेत अनेक अथॉरिटी से इस बाबत बातचीत की थी और इस सामान को हांगकांग में ही सील करा दिया गया था.
ईडी के एक आला अधिकारी ने बताया कि आज जो सामान भारत वापस लाया गया है उसमें से 32 खेप नीरव मोदी की कंपनियों से संबंधित हैं. बाकी मेहुल चोकसी द्वारा नियंत्रित कंपनियों से संबंधित है. इसके पहले भी ईडी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के मामले में दुबई और हांगकांग से कीमती सामानों की लगभग तीन दर्जन खेपों को सफलतापूर्वक वापस लाया था जिनका मूल्यांकन लगभग 137 करोड़ रुपये किया गया था भारत वापस लाए गए सामान को फ़िलहाल जप्त कर लिया गया है और वैल्यूअर द्वारा अब इनकी वास्तविक कीमत का आकलन कराया जा रहा है.
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