निर्भया केस राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दोषी पवन गुप्ता की दया याचिका खारिज कर दी है. इसके साथ ही अब चारों दोषियों की फांसी का रास्ता साफ होता दिख रहा है. पवन की दया याचिका खारिज होने के बाद अभियोजन पक्ष ने एक बार फिर नया डेथ वॉरंट जारी करने को लेकर निचली अदालत का रुख किया है. इससे पहले दिल्ली सरकार ने भी निर्भया मामले में दोषी पवन की दया याचिका खारिज करने की सिफारिश की थी.
इससे पहले सोमवार को गृह मंत्रालय को पवन की दया याचिका मिली थी. मंत्रालय ने यह याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को उनके विचारार्थ और फैसले के लिए भेजी. दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को 2012 के इस मामले में चारों दोषियों की फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी. चारों दोषियों को पहले तीन मार्च को सुबह छह बजे फांसी दी जानी थी.
निर्भया की मां की वकील नई याचिका दाखिल करेंगी
निर्भया की मां की वकील ने सीमा कुशवाहा ने कहा है कि अब वह दिल्ली कोर्ट से नया डेथ वॉरंट जारी करने की अपील करेंगी. उन्होंने कहा, ‘हम दिल्ली की अदालत में सभी चार दोषियों को डेथ वॉरंट के लिए नई अर्जी लगाएंगे. अब जो भी तारीख तय की जाएगी वह अंतिम तारीख होगी.’
सोमवार को निर्भया केस में दोषी पवन की क्यूरेटिव पिटिशन सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी. पवन ने अपनी अर्जी में कहा था कि वह घटना के वक्त नाबालिग था. इस मामले में उसकी रिव्यू याचिका पहले ही खारिज हो गई थी. नियमों के अनुसार दया याचिका खारिज होने के बाद भी दोषी को फांसी पर लटकाने से पहले 14 दिन का वक्त मिलता है.
सभी दोषियों के विकल्प खत्म
निर्भया मामले में चारों दोषी मुकेश, विनय, अक्षय और पवन के सभी विकल्प खत्म हो चुके हैं. अदालत ने 17 फरवरी को चारों दोषियों के खिलाफ नया डेथ वॉरंट जारी करते हुए तीन मार्च को फांसी देने का आदेश दिया था और कहा था कि सजा को और टालना पीड़िता के त्वरित न्याय के अधिकार को ‘दूषित’ करने जैसा होगा। अदालत अब जो वॉरंट जारी करेगी, वह अंतिम जारी होगा.