निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस में फांसी की सजा से बचने के लिए पिछले काफी समय से दोषी तरह-तरह के पैंचरे आपनाते रहे हैं. इसी सिलसिले में अब निर्भया के दोषियों ने दिल्ली के उपराज्यपाल से गुहार लगाई है. दोषी विनय शर्मा ने अपने वकील एपी सिंह के जरिए दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग की है.
एपी सिंह ने सीआरपीसी के सेक्शन 432 और 433 के तहत फांसी की सजा को निलंबित करने की मांग की है. मालूम हो कि दिल्ली की अदालत ने सभी दोषियों के खिलाफ चौथी बार डेथ वारंट जारी किया है, जिसके मुताबिक 20 मार्च सुबह साढ़े पांच बजे सभी दोषियों को फांसी की सजा दी जानी है.
छह फरवरी को गुनाहगार मुकेश के भाई सुरेश की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. सुरेश की ओर से वकील एम.एल.शर्मा ने याचिका दायर की थी. शर्मा का आरोप है कि इस मुकदमे में मुकेश के लिए कोर्ट द्वारा नियुक्त वकील वृंदा ग्रोवर ने उस पर दबाव डाल कर क्यूरेटिव याचिका दाखिल करवाई थी. एम.एल.शर्मा के मुताबिक क्यूरेटिव पेटिशन दायर करने की समय सीमा तीन साल थी, जिसकी जानकारी मुकेश को नहीं दी गई. इसलिए मुकेश को नए सिरे से क्यूरेटिव याचिका और दया याचिका दाखिल करने का मौका दिया जाए. इस याचिका पर नौ मार्च को सुनवाई हो सकती है.
पटियाला हाउस स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेन्द्र राणा की अदालत ने इस मामले में कई उतार-चढ़ाव के बाद चौथी बार डेथ वारंट जारी करते हुए तिहाड़ जेल को निर्धारित तारीख व समय पर फांसी पर लटकाने के निर्देश दिए हैं. इससे पहले दिल्ली सरकार व निर्भया के परिजनों के वकील ने अदालत को बताया कि दोषियों के सभी कानूनी विकल्प (अधिकार) समाप्त हो चुके हैं. वहीं, दोषियों के वकील एपी सिंह ने इस पर नाराजगी जाहिर की.
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