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निर्भया केस के दोषियों के डेथ वारंट पर अगली सुनवाई कल, रोते हुए निर्भया की मां ने लगाई जज से गुहार

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नई दिल्ली : निर्भया के गुनहगारों को डेथ वारंट को हो रही देरी से निर्भया की मां की सब्र का बांध टूटता जा रहा है. नया डेथ वारंट जारी करने की मांग पर ट्रायल कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई. अदालत में दोषी पवन गुप्ता ने कहा कि उसके पास कोई वकील नहीं है. इस पर अदालत ने उसे कानूनी मदद देने की पेशकश की. इन सभी के बीच बुधवार को पूरी नहीं हो पाई और अब गुरुवार को इसपर अगली सुनवाई होगी.

टूटा निर्भया की मां का सब्र

दोषी को सहायता देने की बात पर निर्भया की मां ने कोर्ट में कहा- मामले को 7 साल हो चुके हैं. मैं भी इंसान हूं, मेरे अधिकारों का क्या होगा? मैं आपके सामने हाथ जोड़ती हूं, कृपया डेथ वॉरंट जारी कर दीजिए. इसके बाद निर्भया की मां कोर्ट में रो पड़ीं. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने मामले की सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गई.

सुनवाई स्थगित होने से निराश

सुनवाई स्थगित होने की बात सुनकर निर्भया की मां एक बार फिर रो पड़ीं और कोर्ट रूम से बाहर जाते हुए बोलीं, “अब मेरा भरोसा और उम्मीद टूट रही है. अदालत को दोषियों की तरफ से देर करने की रणनीति समझनी चाहिए. अगर अब दोषी पवन को नया वकील दिया जाएगा, तो केस की फाइलें देखने और समझने में उसे समय लगेगा.” उन्होंने कहा, “मैं अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए भटक रही हूं. दोषी सजा में देरी की तरकीबें अपना रहे हैं. मैं नहीं जानती कि अदालत यह बात क्यों नहीं समझ रही.”

दोषी अपनी आखिरी सांस तक कानूनी मदद का हकदार

अदालत ने कहा, कोई भी दोषी अपनी आखिरी सांस तक कानूनी मदद पाने का हकदार है. कोर्ट ने तिहाड़ जेल के अधीक्षक को वकीलों की सूची दोषी पवन को सौंपने के निर्देश दिए. वहीं, पवन को अपनी पसंद का वकील चुनने की इजाजत भी दी. इसके बाद दिल्ली विधिक सहायता प्राधिकरण (डीएलएसए) ने पवन के पिता को वकीलों की सूची सौंपकर अपने वकील का चुनाव करने को कहा.

माता-पिता ने दायर की थी अर्जी

मालूम हो कि निर्भया के माता-पिता और दिल्ली सरकार ने नया डेथ वॉरंट जारी करने के लिए अर्जी दायर की थी. दोषी विनय शर्मा, मुकेश कुमार सिंह, पवन गुप्ता और अक्षय ठाकुर को एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी दी जानी थी, लेकिन 31 जनवरी को कोर्ट ने इसे अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया था. वहीं दोषी विनय शर्मा ने दया याचिका खारिज करने के राष्ट्रपति के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. उसने खुद को मानसिक रोगी बताते हुए फांसी को उम्रकैद में बदलने की मांग की थी.

अलग-अलग फांसी देने की मांग

इससे पहले निर्भया के दोषियों को अलग-अलग फांसी देने की मांग को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में अपील की. अदालत ने चारों दोषियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा. जस्टिस आर भानुमति की अध्यक्षता वाली बेंच में जस्टिस अशोक भूषण और एएस बोपन्ना की बेंच 14 फरवरी को इस मामले में सुनवाई करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ किया कि इस सुनवाई का ट्रायल कोर्ट द्वारा नया डेथ वारंट जारी करने के मामले पर असर नहीं पड़ेगा.