सात साल के लंबे इंतजार के बाद निर्भया के चारों दोषियों को आखिरकार फांसी पर चढ़ा दिया गया. तिहाड़ जेल में सुबह 5.30 बजे चारों दोषी विनय शर्मा, पवन गुप्ता, मुकेश सिंह और अक्षय कुमार सिंह को फांसी पर लटका दिया गया. चारों ने बड़ी ही बर्बरता के साथ इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया लेकिन जब उन्हें फांसी के लिए ले जाया जा रहा था तो उनके चेहरे पर तनाव साफ दिख रहा था. फांसी से बचने के लिए वह गिड़गिड़ा रहे थे.
देश को झकझोर देने वाले निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले के चारों दोषियों विनय शर्मा (26), मुकेश सिंह (32), अक्षय ठाकुर (31) और पवन गुप्ता (25) को शुक्रवार तड़के पांच बजकर 30 मिनट पर यहां तिहाड़ जेल में फांसी दी गई. सभी दोषियों को फांसी की सजा होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि निर्भया की पहले वहशियाना तरीके से इज्जत लूटी गई और उसके बाद उसका कत्ल कर दिया गया. पिछले सात साल से पूरा देश इसके खिलाफ न्याय की उम्मीद में बैठा था. आज निर्भया के दोषियों को फांसी हुई है. सात साल लग गए इसमें मुझे लगता है कि आज वो दिन है कि हम सबको मिलकर संकल्प करने की जरूरत है कि दूसरी निर्भया अब नहीं होनी चाहिए.
केजरीवाल ने कहा कि हमने देखा कि पिछले कुछ महीनों से किसी तरह से फांसी की सजा मिलने के बाद भी पूरे सिस्टम को इन लोगों ने किस तरह से घुमाया और हर बार फांसी की सजा मिलती थी और टल जाती थी. हमारे सिस्टम में बहुत सी कमियां है जोकि गलत काम करने वालों को प्रोत्साहन देती है कि जो मर्जी करो कुछ नहीं होगा और केस लटकते रहेंगे. तो मुझे लगता है कि आज का दिन है कि हम सबको मिलकर संकल्प लेना चाहिए कि अब इस देश में दूसरी निर्भया नहीं होने देंगे और इसके लिए हमें कई स्तरों पर काम करने की जरूरत है. हमें पुलिस का सिस्टम ठीक करने की जरूरत है. कोई महिला पुलिस में जाती है तो उसकी एफआईआर दर्ज नहीं की जाती, जिसने गलत काम किया होता है उसकी शय पर पीड़िता को तंग किया जाता है. उसे ठीक करने की जरूरत है.
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