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किसानों पर आपत्तिजनक टिप्पणी, आप ने नितिन पटेल को भेजा कानूनी नोटिस

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गुजरात आम आदमी पार्टी (AAP) ने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल (Nitin Patel) को एक कानूनी नोटिस जारी किया, जिसमें उन्होंने किसानों के लिए आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में उनसे बिना शर्त माफी की मांग की है. मालूम हो कि नितिन पटेल (Nitin Patel) ने कथित तौर पर कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों की तुलना खालिस्तानियों और टुकड़े टुकडे गैंग से की थी.

आम आदमी पार्टी के उप प्रमुख भेमा चौधरी ने बुधवार को कानूनी नोटिस भेजा जिसमें कहा गया है कि गुजरात के उपमुख्यमंत्री (Nitin Patel) ने अपने भाषण में कहा था कि प्रदर्शनकारी किसान ’चीन’ के साथ हाथ मिला रहे हैं. उन्होंने मंत्री पर ‘खालिस्तानियों’ और ‘टुकडे टुकडे गैंग’ के साथ तुलना करने का भी आरोप लगाया.

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चौधरी ने कहा कि मंत्री (Nitin Patel) के इस तरह के बयानों ने उन्हें गहरी चोट दी है क्योंकि वह एक किसान हैं. उन्होंने नोटिस के 7 दिनों के भीतर नितिन पटेल से बिना शर्त माफी मांगी है.

नोटिस में क्या लिखा

नोटिस में आगे कहा गया है कि मंत्री ने टिप्पणी की कि किसान पकौड़े और पिज्जा के लिए विरोध कर रहे हैं, जो कुछ राष्ट्र-विरोधी तत्वों द्वारा प्रायोजित है. आप नेता ने कहा कि वह भाजपा की एनडीए सरकार द्वारा पारित बिलों के खिलाफ चल रहे शांतिपूर्ण विरोध का समर्थन करते हैं.

यदि नितिन पटेल (Nitin Patel) ने 7 दिनों के भीतर माफी नहीं मांगी तो चौधरी उनकी टिप्पणी के लिए अदालत में मुकदमा चलाने की योजना बना रहे हैं.  मालूम हो कि एनडीए सरकार द्वारा पारित विवादास्पद कृषि बिलों के खिलाफ हजारों किसान दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

नितिन पटेल ने क्या कहा था

बता दें कि गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल (Nitin Patel) ने दावा किया था कि बहुत कम किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे विरोध प्रदर्शन का समर्थन कर रहे हैं. आंदोलन में ‘देशद्रोही’ घुसे हुए हैं. उन्होंने कहा कि यह आंदोलन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि खराब करने की साजिश है.

नितिन पटेल ने कहा था कि दिल्ली को छोड़कर, देश में कहीं भी विरोध प्रदर्शन नहीं हुए हैं। कोई भी गुजरात में आंदोलन नहीं कर रहा है. 130 करोड़ की आबादी में से कुछ 50,000 लोग चाहते हैं कि सरकार संसद द्वारा पारित कानूनों को रद्द कर दें.

बीजेपी के नेता ने आरोप लगाया था कि देशद्रोही, वामपंथी, खालिस्तानी, चीन समर्थक तत्व और टुकड़े-टुकड़े गैंग के सदस्य विरोध प्रदर्शनों में घुस आए हैं और किसानों को प्रदर्शन स्थल पर जमे रहने के लिए पैसे दे रहे हैं. ये तत्व प्रधानमंत्री मोदी की छवि को खराब करना चाहते हैं और भारत की एक विकृत तस्वीर दुनिया के सामने पेश करना चाहते हैं.

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