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ना नौकरी बची…ना घर जा पाया, तालाबंदी से परेशान प्रवासी मजदूर ने की आत्महत्या

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लॉकडाउन के कारण नौकरी गंवा देने वाले असम के 20 वर्षीय एक प्रवासी मजदूर ने गुजरात के सूरत जिले की एक झुग्गी-बस्ती में बुधवार को कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. पांडेसरा पुलिस थाने के निरीक्षक डी के पटेल ने बताया कि सुनील रिजाजगन महली को सुबह भेस्तान इलाके में घर की छत से लटकता हुआ पाया गया.

इन्स्पेक्टर डी के पटले ने कहा, ‘मृतक असम के अन्य मजदूरों के साथ रह रहा था. लॉकडाउन के कारण उसकी नौकरी चली गई थी और अन्य लोगों के साथ वह अपने गृह राज्य भी नहीं जा सका था. उन्होंने कहा कि आत्महत्या का सही कारण का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है लेकिन प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि लॉकडाउन के कारण नौकरी चली जाने और अपने गृह राज्य वापस नहीं जा पाने के कारण वह अवसादग्रस्त था.

गौरतलब हो कि गुजरात में लगातार प्रवासी मजदूर घर वापसी की मांग को लेकर हंगामा कर रहे हैं. गुजरात के सूरत, राजकोट और अहमदाबाद में कई बार प्रवासी मजदूर एक जगह जमा होकर हंगामा भी किया. कुछ प्रवासी मजदूर जहां घर पहुंच गए है वहीं कुछ लोग आज भी देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हुए हैं और घर वापसी की मांग कर रहे हैं.

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