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हेपटाइटिस-सी वायरस की खोज करने वाले 3 वैज्ञानिकों को नोबेल पुरस्कार

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मेडिसिन के क्षेत्र में दिए जाने वाले नोबेल पुरस्‍कार (Nobel Prize) की घोषणा कर दी गई है. स्‍वीडन के स्‍टॉकहोम शहर में इसकी घोषणा की गई. इस साल का नोबेल पुरस्‍कार (Nobel Prize) हार्वे अल्‍टर (Harvey Alter), माइकल हॉफटन (Michael Houghton) और चार्ल्‍स राइस (Charles Rice) को दिया गया है. इन वैज्ञानिकों को हेपटाइटिस सी वायरस की खोज के लिए दिया गया है. अल्‍टर और चार्ल्‍स राइस अमेरिका से ताल्लुक रखते हैं जबकि माइकल हॉफटन ब्रिटेन के निवासी हैं.

नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) समिति ने ट्विटर पर कहा, “रक्त-जनित हेपेटाइटिस, विश्व भर के लोगों में सिरोसिस और यकृत कैंसर का कारण बनता है. इसके खिलाफ लड़ाई में इन तीनों ने निर्णायक योगदान दिया. नोबेल कमेटी के प्रमुख थॉमस पर्लमैन ने स्टॉकहोम में इसकी घोषणा की.

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क्यों खास है इनकी खोज?

नोबेल पुरस्‍कार (Nobel Prize) देने वाली संस्‍था ने कहा कि इस साल यह पुरस्‍कार खून से पैदा होने वाले हेपटाइटिस से लड़ाई में योगदान देने के लिए तीनों वैज्ञानिकों को दिया गया है. संस्‍था ने कहा कि इस हेपटाइटिस से दुनियाभर में बड़ी संख्‍या में लोगों को सिरोसिस और लीवर कैंसर होता है. तीनों ही वैज्ञानिकों ने एक नोवल वायरस की खोज में मूलभूत खोज की जिससे हेपटाइटिस सी की पहचान हो सकी.

ऑल्टर ने ट्रांसफ्यूजन संबंधी हेपेटाइटिस का अध्ययन किया, जिससे पता चला कि क्रॉनिक हेपेटाइटिस का एक सामान्य कारण एक अज्ञात वायरस था. ह्यूटन ने हेपेटाइटिस सी वायरस के जीनोम को अलग करने के लिए एक नई तकनीक का इस्तेमाल किया. राइस ने सिद्ध किया कि हेपेटाइटिस सी वायरस अकेले हेपेटाइटिस का कारण बन सकता है.

 

नोबेल पुरस्कार के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा गया, ‘इतिहास में पहली बार अब हेपेटाइटिस सी वायरस का इलाज संभव है. दि 2020 मेडिसिन लॉरेट्स की खोजें क्रोनिक हेपेटाइटिस के बाकी मामलों का कारण सामने लाईं और रक्त परीक्षण और नई दवाओं का निर्माण संभव किया, जिससे लाखों लोगों की जान बची.’

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप भी होड़ में

इसी हफ्ते अन्‍य नोबेल पुरस्‍कारों (Nobel Prize) की घोषणा की जाएगी. नोबेल पुरस्‍कार देने वाली संस्‍था के मुताबिक इसी हफ्ते फिजिक्स, केमिस्‍ट्री, साहित्‍य और शांति के क्षेत्र में नोबेल पुरस्‍कारों की घोषणा की जाएगी. वहीं अर्थशास्‍त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्‍कारों की घोषणा अगले सोमवार को की जाएगी. इस बार शांति के नोबेल पुरस्‍कारों की दौड़ में अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप भी हैं. उन्‍हें इजरायल और यूएई के बीच शांति समझौता कराने के लिए नामित किया गया है.

नोबेल फाउंडेशन करता है सम्मानित

मालूम हो कि यह अवॉर्ड नोबेल फाउंडेशन द्वारा दिया जाता है. यह स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड बनार्ड नोबेल की याद में दिया जाता है. अल्फ्रेड बनार्ड नोबेल ने अपनी मृत्यु से पहले अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा एक ट्रस्ट के लिए सुरक्षित रख दिया था. उनकी इच्छा थी कि इन पैसे के ब्याज से हर साल उन लोगों को सम्मानित किया जाए तो मानव जाति के लिए बेहतरीन काम करते हैं. अल्फ्रेड बनार्ड नोबेल की राशि स्वीडिश बैंक में जमा है और इस पर जो ब्याज बनता है उससे हर साल नोबेल फाउंडेशन नोबेल प्राइज देता है. पहला नोबेल शांति पुरस्कार 1901 में शांति के लिए दिया गया था.

पुरस्कार में क्या मिलता है?

नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) जीतने वाले शख्स को एक नोबेल पदक और डिप्लोमा के साथ पुरस्कार राशि भी दी जाती है. 2019 के नोबेल पुरस्कार पाने वाले विजेताओं को 9 मिलियन स्वीडिश क्राउन (SEK) दी जाएगी जो 6.45 करोड़ रुपये के बराबर होगी. यह राशि बढ़ती-घटती रहती है.

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