अहमदाबाद: गुजरात हाईकोर्ट ने आज अहमदाबाद नगर निगम को जमकर फटकार लगाई है. कोर्ट ने शहर के मेन रोड से अंडा, नॉनवेज के ठेलों को उठाने के मुद्दे पर आड़े हाथों लेते हुए कहा कि नगर निगम तय करेगा कि लोग क्या खाएंगे? खाने-पीने को सत्तापक्ष के विचारों के अधीन नहीं बनाया जा सकता. इस संबंध में हाईकोर्ट ने अहमदाबाद नगर निगम को तत्काल नोटिस जारी किया है.
गौरतलब है कि अहमदाबाद शहर की प्रमुख सड़कों और धार्मिक स्थलों के आसपास के 100 मीटर क्षेत्र से अंडा, मांसाहारी दुकानों को हटाने के नगर निगम के फैसले का भारी विरोध हुआ था. नगर निगम के इस फैसले को जल्दबाजी में अनाड़ी निर्णय करार दिया गया था. जिसके बाद सीएम भूपेंद्र पटेल और गुजरात भाजपा अध्यक्ष को सामने आकर इस मामले को सफाई देनी पड़ी थी. सीएम ने कहा था कि जिसको जो खाना है वह खा सकता है.
अहमदाबाद में मेन रोड पर नॉनवेज की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से पेश वकील से कहा कि आप लोगों को उनकी पसंद का खाने से कैसे रोक सकते हैं? क्या ऐसा इसलिए किया जा सकता है कि आपके पास सत्ता है. कल आप यह भी तय करेंगे कि मुझे अपने घर के बाहर क्या खाना चाहिए?. इतना ही नहीं कोर्ट ने आगे कहा कि अगर कोई मांसाहारी खाना पसंद नहीं करता तो वह उसका निजी मामला है.
बीते दिनों अहमदाबाद नगर निगम की टाउन प्लानिंग कमेटी के अध्यक्ष देवांग दानी ने इस सिलसिले में जानकारी देते हुए कहा था कि स्कूल, कॉलेज और धार्मिक स्थानों के 100 मीटर के अंदर में नॉन वेज बेचनी की अनुमति नहीं होगी. अहमदाबाद नगर निगम की टाउन प्लानिंग कमेटी ने यह फ़ैसला लिया था. नगर निगम के इस फैसले के बाद गुजरात में नॉनवेज बेचने और खाने वालों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं.
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