राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) यानी रासुका के तहत होने वाली गिरफ्तारियों के बारे में सरकार ने जानकारी साझा की है. सरकार के मुताबिक, भारत में साल 2017 से 2018 के दौरान पुलिस द्वारा सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत करीब 1200 लोगों को हिरासत में लिया गया था.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने सोमवार को इसके बारे में जानकारी दी. उन्होंमे सदन में इसकी जानकारी सामने रखी. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी के मुताबिक, रासुका (NSA) के तहत गिरफ्तार करीब 1200 लोगों में से 563 अभी तक हिरासत में हैं.
मध्य प्रदेश में सर्वाधिक गिरफ्तारी
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने ने उच्च सदन में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की वर्ष 2018 की नवीनतम प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, सभी राज्यों में से मध्य प्रदेश में वर्ष 2017 और वर्ष 2018 में रासुका (NSA) के तहत सबसे अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया और उसके बाद उत्तर प्रदेश का स्थान आता है.
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उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में, वर्ष 2017 और वर्ष 2018 में एनएसए के तहत 795 लोगों को हिरासत में लिया गया था. समीक्षा बोर्डों द्वारा 466 लोगों को रिहा किया गया जबकि 329 हिरासत में हैं.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत साल 2017 में देश के विभिन्न हिस्सों में कुल 501 लोगों को हिरासत में लिया गया. इसमें से 229 को समीक्षा बोर्ड के द्वारा छोड़ दिया गया. उन्होंने बताया कि इनमें से अभी भी कुल 272 लोग हिरासत में रखे गए हैं.
केंद्र सरकार के मुताबिक, साल 2018 में देश भर में रासुका के तहत 697 लोगों को हिरासत में लिया गया. हिरासत में लिए गए कुल लोगों में से 406 को समीक्षा बोर्डों द्वारा आजाद कर दिया गया. इन 406 लोगों में से 291 लोग अभी भी कस्टडी में रखे गए हैं.
यूपी में 338 पर रासुका लगा
उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 और वर्ष 2018 में रासुका (NSA) के तहत 338 लोगों को हिरासत में लिया गया जिसमें से समीक्षा बोर्ड द्वारा 150 लोगों को रिहा कर दिया गया. वहीं रिपोर्ट के मुताबिक अभी भी 188 लोग कस्टडी में रखे गए हैं.
वहीं इस साल 19 अगस्त तक यूपी पुलिस ने राज्य में 139 लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाया है. अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी के मुताबिक, इनमें से 76 मामले गोहत्या से जुड़े हैं. 31 अगस्त तक सिर्फ बरेली पुलिस जोन में ही 44 लोगों पर एनएसए के तहत मामला दर्ज किया गया.
मीडिया खबरों के मुताबिक, पुलिस ने 2020 में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध से जुड़े मामलों में अब तक छह लोगों के खिलाफ एनएसए लगाया है. 37 लोगों पर जघन्य अपराधों के लिए, वहीं 20 लोगों पर अन्य अपराधों के लिए एनएसए के तहत मामला दर्ज किया गया है. एनएसए के तहत इस साल की शुरुआत में की गईं 13 गिरफ्तारियां नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुए प्रदर्शनों से जुड़ी हैं.
क्या है राष्ट्रीय सूरक्षा कानून
राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) ऐसा कानून है, जिसके तहत किसी खास खतरे के चलते व्यक्ति को हिरासत में लिया जा सकता है. अगर स्थानीय प्रशासन को किसी शख्स से देश की सुरक्षा और सद्भाव का संकट महसूस होता है, तो ऐसा होने से पहले ही पुलिस उस शख्स को पकड़ सकती है. राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) प्रशासन को किसी व्यक्ति को महीनों तक हिरासत में रखने का अधिकार देता है.
इस कानून को 1980 में देश की सुरक्षा के लिए सरकार को ज्यादा शक्तियां देने के लिए जोड़ा गया था. कुल मिलाकर, ये कानून सरकार को किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की गिरफ्तारी की शक्ति देता है. इस कानून का इस्तेमाल जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, राज्य सरकार अपने सीमित दायरे में कर सकती है.