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सूरत में मजदूरों का हंगामा, घर जाने की जिद में ओडिशा के कारीगरों ने सड़कों पर की आगजनी

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पूरे देश मे लॉकडाउन (तालाबंदी) चल रहा है. चप्पे-चप्पे पर पुलिस इस लॉकडाउन को असरदार बनाने में जुटी हुई है. हालांकि कई दिनों से जारी लॉकडाउन ने व्यापार और रोजगार को काफी नुकसान पहुंचाया है. सूरत में करघे सहित सभी कारखाने बंद हैं. इस बीच लॉकडाउन में खाली बैठे मजदूरों ने शुक्रवार को सूरत में दो जगहों हंगामा कर दिया.

डायमंड बुर्स में निर्माण श्रमिक और लसकाना में बुनकर सड़कों पर उतरे. उनका कहना था कि लॉकडाउन चलता रहा तो गुजारा कैसे चलेगा. उनकी मांग थी कि या तो काम शुरू करवाया जाए या फिर उनको घर जाने दिया जाए. बुनकरों ने सब्जी की 5 रेहड़ियों को आग लगा दी. टायर भी फूंके. एंबुलेंस में तोड़फोड़ की और राहगीरों की गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया. पुलिस मजदूरों के नेताओं को समझाने में लगी रही. मजदूरों के उत्पात के कारण बड़ी संख्या में पुलिस के बल मौके पर पहुंची और मामले को शांत कराया.

डायमंड शहर यानी सूरत में लॉकडाउन के कारण करघे और कढ़ाई वाले कारखाने बंद हैं. इस वजह से हजारों कारीगर यहां बेरोजगार हो गए हैं. शुक्रवार देर शाम घर लौटने की मांग को लेकर ये मजदूर सड़क पर उतर आए. इन्होंने सड़क पर लॉरी और टायर भी जलाए हैं. ये सभी कारीगर मूल रूप से ओडिशा के हैं, और वे अपने गृहनगर लौटने की मांग कर रहे हैं. उथल-पुथल के कारण, पुलिस अच्छी तरह से संगठित है, और कारीगरों को राजी किया जा रहा है.

सूरत के सरताना थाना क्षेत्र में स्थित डायमंड टाउन में तालाबंदी के कारण पिछले कई दिनों से करघे और कढ़ाई वाले कारखाने बंद हैं. लॉकडाउन को बढ़ने की खबर के बीच इन मजदूरों में हलचल बढ़ गई है. खबरों के अनुसार, कारीगरों ने कथित तौर पर खोने की चीजों के लिए एक किराने की दुकान में तोड़फोड़ की. इसके साथ ही सड़क पर लॉरी और टायर जलाए. इसके बाद भारी संख्या में पुलिस बल घटनास्थल पर पहुंच गया. पुलिस ने वर्तमान में अशांत वातावरण पर नियंत्रण पा लिया है. मालूम हो कि ओडिशा सरकार ने भी लॉकडाउन की अवधि 30 अप्रैल तक बढ़ा दी है.

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