विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक बार फिर से कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन को लेकर चेतावनी जारी की है. डब्ल्यूएचओ का कहना है कि ओमीक्रॉन दुनिया के ज्यादातर देशों में फैल गया है. यह अभूतपूर्व गति से फैल रहा है. भारत में ओमीक्रॉन के अब तक 61 मामले सामने आ चुके हैं. अमेरिका और यूरोप में भी ओमीक्रॉन वेरिएंट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.
WHO चीफ टेड्रोस अधानोम गेब्रियेसुस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि अब तक 77 देशों ने आधिकारिक तौर पर ओमीक्रॉन के मामले की पुष्टि की गई है, उन्होंने आगे कहा कि हमने कोरोना का इतना तेज गति वाला संस्करण पहले कभी नहीं देखा.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ने कहा, “मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि अकेले वैक्सीन किसी देश को इस संकट से नहीं बचा सकती है.” देशों को ओमीक्रॉन वेरिएंट के प्रसार को रोकने के लिए उचित कदम उठाना होगा. ऐसा इसलिए है क्योंकि सभी देशों के बीच टीकाकरण दरों में भारी अंतर है. 41 देशों में केवल 10 प्रतिशत लोगों को अभी तक टीका लगाया गया है.
इस वेरिएंट का सबसे पहले केस साउथ अफ्रीका में दर्ज किया गया था. वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि कोविड का टीका नए संस्करण पर अप्रभावी साबित हो सकता है, संक्रमण की दर बहुत तेज हो सकती है और रोगियों में गंभीर लक्षण देखे जा सकते हैं.
वैज्ञानिकों का मानना है कि इस नए वेरिएंट में कम से कम 10 म्यूटेशन हैं. जबकि डेल्टा में सिर्फ दो तरह के म्यूटेशन देखे गए थे. म्युटेटिंग यानी वायरस की आनुवंशिक सामग्री में बदलाव, इस बीच नए संस्करण की उत्पत्ति के बारे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि एक ही रोगी से विकसित हो सकता है. लंदन स्थित यूसीएल जेनेटिक्स इंस्टीट्यूट के निदेशक फ्रेंकोइस बोलॉक्स का सुझाव है कि यह कम प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्ति में पुराने संक्रमण से उत्पन्न हो सकता है.
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