उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने वाले ओमप्रकाश राजभर और समाजवादी पार्टी ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रमुख शिवपाल सिंह यादव को पत्र लिखकर कहा कि अगर आपको लगता है, कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो वहां जाने के लिए आप स्वतन्त्र हैं. सपा के इस पत्र के बाद साफ हो गया है कि सपा, एसबीएसपी और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का रास्ता अब अलग-अलग हो गया है. चुनाव का नतीजा सामने आने के बाद से राजभर के बोल बदल गए थे. जिसकी वजह से वह बीते कुछ दिनों से अखिलेश यादव पर लगातार हमला बोल रहे थे.
सपा के पत्र के बाद सबसे पहले राजभर का बयान सामने आया है. ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि इस तलाक को वह मंजूर करते हैं. आज उन्होंने(समाजवादी पार्टी) तलाक दिया है, हमने कबूल कर लिया है और अब हमारी प्राथमिकता में बहुजन समाजवादी पार्टी है. समाजवादी पार्टी के साथ मैं अति पिछड़ा, अति दलित, वंछित समाज की लड़ाई लड़ने के लिए गया था.
SBSP अध्यक्ष ओपी राजभर ने आगे कहा कि पहले चरण के चुनाव में मैंने कहा कि अति पिछड़ो को टिकट दें लेकिन उन्हें हमारी बात नहीं समझ में आई. उनको बुरा लगा कि ये हमारे सूर में सूर मिलाकर बात करें. लेकिन मैंने किसी के सूर में सूर मिलाकर बोलने के लिए पार्टी नहीं बनाई है.
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओपी राजभर ने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा था कि समाजवादी पार्टी के नेता को हमारी जरूरत नहीं है. प्रेस वार्ता में जयंत चौधरी को बुला लेते हैं, लेकिन ओपी राजभर को न बुलाना, राज्यसभा चुनाव आया तो राज्यसभा जयंत चौधरी को दे देना, MLC चुनाव में हमें न पूछना. उनकी तरफ से नजरअंदाज करने वाली चीजें हो रही हैं.
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