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चुनने की स्‍वतंत्रता के खिलाफ है लव जिहाद कानून: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मदन लोकुर

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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य में धर्म परिवर्तन प्रतिषेध एक्ट को लागू कर दिया है. इस मामले पर लेकर सियासी पारा चढ़ने लगा है. Oppose love jihad law

विपक्ष लगातार राज्य सरकार के इस फैसला का विरोध कर रहा है. लेकिन लव जिहाद के खिलाफ लाए गए अध्‍यादेश का विरोध अब सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मदन लोकुर ने भी किया है.

इस कानून का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि यह कानून चुनने की स्‍वतंत्रता के खिलाफ है.

चुनने की स्‍वतंत्रता के खिलाफ है लव जिहाद कानून

बीते रविवार को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मदन लोकुर ने एक लेक्‍चर के दौरान कहा उत्‍तर प्रदेश में बीते दिनों पास हुआ अध्‍यादेश दुर्भाग्‍यपूर्ण है, जिसमें जबरन, धोखे या बहकावे से धर्मांतरण कर शादी कराने की बात कही गई है.

ऐसा इसलिए है क्‍योंकि यह अध्‍यादेश चुनने की आजादी, गरिमा और मानवाधिकारों की अनदेखी करता है. Oppose love jihad law

इस मौके पर उन्होंने कहा कि धर्मांतरण संबंधी शादियों के खिलाफ ये कानून सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनने की आजादी और व्‍यक्ति की गरिमा की रक्षा के लिए विकसित किए गए न्‍यायशास्‍त्र का उल्‍लंघन हैं.

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विपक्ष उठा चुका है सवाल

बसपा अध्‍यक्ष और पूर्व मुख्‍यमंत्री मायावती ने ट्वीट कर लिखा “लव जिहाद को लेकर यूपी सरकार द्वारा आपाधापी में लाया गया धर्म परिवर्तन अध्यादेश अनेकों आशंकाओं से भरा जबकि देश में कहीं भी जबरन व छल से धर्मान्तरण को न तो खास मान्यता व न ही स्वीकार्यता. इस सम्बंध में कई कानून पहले से ही प्रभावी हैं. सरकार इस पर पुनर्विचार करे, बीएसपी की यह माँग.”

राज्यपाल आनंदी पटेल ने लगाई थी मंजूरी की मुहर Oppose love jihad law

उत्तर प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ बने कानून को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंजूरी दे दी है. Oppose love jihad law

कानून विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध बिल के मसौदे को बुधवार को अनुमोदन के लिए राजभवन भेजा गया था.

शनिवार को राज्यपाल से बिल को मंजूरी मिलते ही यह प्रदेश में अध्यादेश के तौर पर लागू हो गया है.

क्या होगी अब कानूनी प्रक्रिया Oppose love jihad law

विवाह के लिए छल, कपट, प्रलोभन या बलपूर्वक धर्मांतरण कराए जाने पर अधिकतम 10 साल के कारावास और जुर्माने की सजा का प्रावधान किया गया है.

इसके अलावा इस कानून के मुताबिक, धर्म परिवर्तन के लिए जिलाधिकारी से अनुमति लेनी होगी और यह बताना होगा कि धर्म परिवर्तन जबरन, दबाव डालकर, लालच देकर या किसी तरह के छल कपट से नहीं किया जा रहा है.

अनुमति से पहले 2 महीने का नोटिस देना होगा. ऐसा न करने पर 6 महीने से 3 साल तक की सजा होगी, वहीं कम से कम 10 हजार का जुर्माना भी देना होगा.Oppose love jihad law

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