नई दिल्ली: एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वोट बैंक की राजनीति से विकास हुआ है, लेकिन मुसलमानों का विकास नहीं हुआ, क्योंकि मुसलमानों को कभी वोट बैंक नहीं माना गया, आज न शिक्षा है न रोजगार. ओवैसी ने कहा कि संविधान में जो लिखा है उससे उलटा किया जा रहा है. हमारे देश में संसदीय लोकतंत्र है, लेकिन हम इसे हकीकत नहीं बना रहे हैं.
ओवैसी का बीजेपी-कांग्रेस पर हमला
ओवैसी ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा कि इन दोनों पार्टियों में बड़े नेता हैं, लेकिन पार्टियां छोटी हैं. इन पार्टियों में नेताओं को बड़ा माना जाता है. ओवैसी ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को जवाब देना चाहिए कि देश में कट्टरता कौन फैला रहा है. कौन हैं वो गिने-चुने लोग? उन्होंने कहा कि लोगों का संसदीय लोकतंत्र से विश्वास उठ गया है. वह दिन दूर नहीं जब श्रीलंका जैसे हालात यहां होंगे, जब लोग प्रधानमंत्री आवास में घुस जाएंगे.
लोकसभा सांसद ओवैसी ने भाई-भतीजावाद पर एक सवाल के जवाब में कहा कि विधानसभा या एमपी का चुनाव लड़ने के लिए पैसे की जरूरत होती है. परिवार का बैकग्राउंड देखकर टिकट दिए जाते हैं. लोगों ने किसान आंदोलन, सीएए आंदोलन और अग्निवीर योजना का विरोध किया. लोग सड़कों पर आ गए क्योंकि लोगों को अब भरोसा नहीं रहा.
हिंदू-मुसलमान के नाम पर राजनीति करने के सवाल पर ओवैसी ने कहा कि आज लोकसभा में मुस्लिम सांसदों की संख्या कितनी है? राजस्थान में एमपी का चुनाव जीतने वाला अंतिम मुस्लिम कौन था? कोई नहीं बता सकता, लेकिन सच तो यह है कि हिंदू-मुसलमान की राजनीति में सिर्फ मुसलमानों को नुकसान हुआ है. ओवैसी ने कहा कि राजस्थान किसी के बाप का नहीं है. हम मजबूती के साथ राजस्थान का चुनाव लड़ेंगे. हमें बीजेपी की बी टीम कहा जाता है. जब हम चुनाव नहीं लड़ते तब भी कांग्रेस हार जाती है. राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की हार हुई है. जब हमने चुनाव नहीं लड़ा तो बीजेपी जीत गई.
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