भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद के बीच शनिवार को दोनों देशों के सेनाओं के बीच सुलह के इरादे से बातचीत हुई. हालांकि लद्दाख बॉर्डर पर चल रहे इस विवाद को सुलझाने का क्या हल निकला, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं सामने आई है. ऐसे में एआईएमआईएम चीफ और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस मामले पर सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं.
ओवैसी ने कहा, “सीमा विवाद पर भारत और चीन की सेना के बीच बातचीत हुई. केंद्र सरकार को देश को बताना चाहिए कि उनकी चीनियों से क्या बात हुई. वे क्यों शर्मिंदा हैं और चुप्पी क्यों बनाए हुए हैं? हमें बताइए कि क्या लद्दाख में चीनी सेना ने भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है.”
मालूम हो कि पूर्वी लद्दाख में करीब एक महीने से सीमा पर जारी गतिरोध को खत्म करने के किए भारत और चीन के सैन्य अधिकारियों ने शनिवार को एक बैठक की जोकि बेनतीजा रही. चुशुल-मोल्डो इलाके में छह घंटे तक हुई बातचीत के बाद भी न तो चीन अप्रैल पूर्व स्थिति में अपने सैनिकों को लौटाने पर राजी हुआ है और न ही अपने ऐतराज कम करने पर. हालांकि दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई कि मौजूदा प्रक्रियाओं के तहत मामले को सुलझाने के लिए कूटनीतिक व सैन्य स्तर पर संवाद बनाए रखेंगे.
दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच हुई उच्च स्तरीय वार्ता पर विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि दोनों पक्षों के बीच बातचीत सौहार्द्रपूर्ण और सकारात्मक माहौल में हुई. साथ ही दोनों देश सैन्य तनाव की स्थिति को मौजूदा समाधान तंत्र के सहारे सुलझाने पर सहमत हैं.
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