ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन (Oxford Covid-19 Vaccine) को लेकर लगातार अच्छी खबरें मिल रही हैं. इसी बीच एक अध्ययन में दावा किया गया है कि इसके टीके (Oxford-AstraZeneca vaccine) की पहली खुराक कोविड-19 के संक्रमण को 67 प्रतिशत तक कम करने में मदद कर सकती है और घातक वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने में यह बहुत प्रभावी है.
एक नई शोध में सामने आया है कि ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और एस्ट्राजेनेका की ओर से डेवलप की गई वैक्सीन (Oxford Covid-19 Vaccine) न केवल लोगों को मृत्यु से बचाती है, बल्कि वायरस के ट्रांसमिशन को भी कम करती है. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में बुधवार को इसकी जानकारी दी गई.
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नए शोध रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘आंकड़ों से पता चला है कि यह (टीका) आबादी के बीच संक्रमित लोगों की संख्या घटाकर संक्रमण रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.” बता दें कि भारत में ऑक्फोर्ड की कोरोना वैक्सीन (Oxford Covid-19 Vaccine) को सीरम इंस्टीट्यूट निर्मित कर रहा है और इसके आपात इस्तेमाल को भारत सरकार ने मंजूरी दे दी है.
संक्रमण कम करने का दावा
शोधकर्ताओं ने वायरस के ट्रांसमिशन पर इफेक्ट का पता लगाने के लिए हर हफ्ते स्टडी शामिल लोगों स्वाब की जांच की. उन्होने पाया कि वैक्सीन (Oxford Covid-19 Vaccine) लेने के बाद भले ही कोई संक्रमित हो लेकिन इससे वायरस नहीं फैल सकता और वैक्सीन लेने लोगों में पॉजिटिव स्वाब में 67 प्रतिशत की कमी पाई गई. ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका शोधकर्ताओं ने पाया कि वैक्सीन (Oxford Covid-19 Vaccine) लगभग दो-तिहाई तक ट्रांसमिशन कम कर सकती है. हालांकि रिसर्च के रिजल्ट को अभी विशेषज्ञों ने रिव्यू नहीं किया है.
वैक्सीन का सिंगल डोज 76 प्रतिशत प्रभावी
ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका के शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि कोविड -19 (Oxford Covid-19 Vaccine) को रोकने के लिए वैक्सीन का सिंगल डोज 76 प्रतिशत प्रभावी था. पहला शॉट दिए जाने के तीन महीने बाद डेटा को मापा गया, जिसमें तीन सप्ताह की शुरुआती अवधि शामिल नहीं थी. इन रिजल्ट्स से ब्रिटेन और दूसरे देशों की ज्यादा लोगों को पहला डोज देने की रणनीति में मदद मिल सकती है.
उधर ब्रिटेन ने इस शोध पर बेहद खुशी जताई है. ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैंकॉक ने कहा, ‘‘ऑक्सफोर्ड के टीके के बारे में यह शानदार खबर है. संक्रमण के मामलों में दो तिहाई की कमी होती है, खुराकों के बीच प्रतिरक्षा मजबूत होती है और अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं होती. यह टीका काम कर रहा है.”
हैंकॉक ने कहा, ‘‘यह वाकई एक अच्छी खबर है कि इससे ना केवल अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या घटेगी बल्कि संक्रमण के मामले भी कम होंगे. इस परीक्षण में हिस्सा लेने वाले किसी भी व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं पड़ी.”